अपनी क्षमता और बुद्धि से जरूरत है समाज को जागरूक करने की, शिक्षा से ही इस उद्देश्य की पूर्ति की जा सकती है : राज्यपाल

समस्तीपुर

समस्तीपुर, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि शिक्षा एक ऐसी चीज है जिससे समाज को जागरूक किया जा सकता है, इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा से ही क्षमता और बुद्धि का विकास होता है।

समस्तीपुर से 10 किलोमीटर पर स्थित कर्पूरी ग्राम ‌थाना अंतर्गत सिंघिया खुर्द ग्राम में निजी तौर पर ‌स्थापित एस के मंडल ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूट के दसवें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उक्त बातें कहीं। सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में पहली बार इतने बड़े समारोह में काफी संख्या में लोगों की उपस्थिति देखी गई।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने समारोह को संबोधित करते हुए खासकर यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं से कहा कि शिक्षा का उद्देश्य मानस का विस्तार करना होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और विद्या समाज को अलौकिक करते हुए विकास में अपना अहम भूमिका निभाने का भी काम करता है। उन्होंने कहा की शिक्षा से आदमी महान बनता है और महान व्यक्ति ही समाज को रास्ता दिखाते हुए ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करते है।

उन्होंने यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के साथ-साथ यहां कार्यरत शिक्षक एवं कर्मियों से कहा कि दुनिया में दो लोग ही ऐसे होते हैं जो अपने लड़कों को अपने से काफी ऊंचाइयों तक ले जाने में गौरवान्वित महसूस करते हैं।‌

इसके साथ ही महामहिम राज्यपाल ने इस संस्था को सुदूर देहात में स्थापित करने के लिए संस्थापक एस मंडल को धन्यवाद देते हुए कहा कि वर्ष 2015 के स्थापना काल से आज तक पिछले 10 वर्षों के दौरान आपने जो संकल्प लिया उसे आने वाले दिनों में समाज को काफी लाभ मिलने की संभावना दिख रही है।

इस मौके पर भारत सरकार के राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र की सांसद शांभवी कुमारी, सीतामढ़ी के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर एवं सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल भी उपस्थित होकर इस इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए मनोबल बढ़ाया।

बताते चले की एस मंडल ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट में मैं कई तरह की शिक्षा दी जाती है। इसमें नरसिंह पैरा मेडिकल एवं आईटीआई समेत लगभग सात तरह की पढ़ाई की जाती है। समस्तीपुर जिले के अलावा आसपास के भी जिलों के लगभग 4000 से अधिक छात्र-छात्राएं यहां अपनी पढ़ाई पूरी कर अपनी बेरोजगारी को दूर कर रहे हैं।