जल-जीवन-हरियाली दिवस पर बीएसपीएचसीएल के सीएमडी ने कहा, अक्षय ऊर्जा पर निर्भरता बढ़ाने की जरूरत

पटना

•विद्युत भवन में ‘सौर ऊर्जा उपयोग का प्रोत्साहन एवं ऊर्जा की बचत’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन

स्टेट डेस्क/पटना: जल-जीवन-हरियाली दिवस के अवसर पर पटना के विद्युत भवन में ‘सौर ऊर्जा उपयोग का प्रोत्साहन एवं ऊर्जा की बचत’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा को संबोधित करते हुए ऊर्जा विभाग के सचिव सह बीएसपीएचसीएल के सीएमडी पंकज कुमार पाल ने कहा कि पारंपरिक जीवाश्म ऊर्जा से इतर अक्षय ऊर्जा के विकास की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आज बिहार में कुल पीक डिमांड 8005 मेगावाट में 23 फीसदी बिजली हम अक्षय ऊर्जा से प्राप्त कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि रिन्यूएबल एनर्जी पर अपनी निर्भरता को और बढ़ाया जाए।

पाल ने जोर देते हुए कहा कि हरित ऊर्जा के क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों में हमारी प्रगति काफी अच्छी रही है। सरकारी एवं निजी भवनों में निरंतर सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं। अब तक 11 हजार से अधिक सरकारी भवनों में 100 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। ‘नीचे मछली और ऊपर बिजली’ जैसी अवधारणा को सफलतापूर्वक जमीन पर उतारा गया है। इसके अंतर्गत दरभंगा में 1.6 मेगावाट और सुपौल में 525 किलोवाट सौर ऊर्जा उत्पादित की जा रही है।

जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत विभिन्न जिलों में किए गए जल संचयन पर भी इस मॉडल को और विकसित करने की जरूरत है। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और जल ऊर्जा के विकास की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। लखीसराय के कजरा में देश की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा आधारित बैटरी स्टोरेज सिस्टम स्थापित की जा रही है। इसका प्रथम चरण जुलाई 2025 में पूरा कर लिया जाएगा।

कजरा में कुल 301 मेगावाट व 495 मेगावाट आवर बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम क्षमता का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत प्रत्येक पंचायत के हर वार्ड में 10 सोलर लाइट लगाए जा रहे हैं, जिसमें अब तक कुल 5.50 लाख से अधिक सोलर स्ट्रीट लाइट लगाए जा चुके हैं। ग्राउंड माउंटेड सोलर संयंत्रों, ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता कोड, इको निवास संहिता भी अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसी प्रकार से चीनी मिलों में बगैस से 40 मेगावाट ऊर्जा उत्पादित की जा रही है।

पाल ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। इसका लक्ष्य जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरण पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव को रोकना, पर्यावरणीय संतुलन स्थापित करना, ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना, जीवाश्म ईंधन के स्थान पर अक्षय ऊर्जा तथा सौर ऊर्जा के अधिक से अधिक प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करना है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में निरंतर हम आगे बढ़ रहे हैं।

पाल ने आगे कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात उपभोक्ताओं को ऊर्जा का सही इस्तेमाल करने के लिए जागरूक करना है। अक्सर देखा जाता है कि लोग एयर कंडिशनर और लाइट को ऑन करके छोड़ देते हैं। उन्हें ऊर्जा की बचत करने के लिए सचेत करना होगा। ऊर्जा की खपत को नियंत्रित करने के लिए यह निहायत ही जरूरी है।

इस अवसर पर जल-जीवन-हरियाली मिशन की निदेशक प्रतिभा रानी ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली मिशन से 15 विभाग जुड़े हुए हैं। व्यापक पैमाने पर निरंतरता के साथ चलाए जा रहे इस मिशन के सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं। बिहार में वन आच्छादन में वृद्धि हुई है। इस परिचर्चा को संबोधित करने वालों में एनबीपीडीसीएल के निदेशक, बीएसपीजीसीएल के निदेशक, मुख्य अभियंता (जेनरेशन) सहित भवन निर्माण एवं कृषि विभाग के अधिकारी थे।