विपिन कुमार। बिहार में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शिक्षा विभाग लगातार प्रयासरत है। विभाग के एसीएस एस. सिद्धार्थ लगातार कड़े फैसले ले रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने आदेश जारी कर परीक्षा कॉपियों के मूल्यांकन में फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षकों को सख्त चेतावनी दे दी है।

शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने आदेश जारी करते हुए शिक्षकों को सचेत किया है। शिक्षा विभाग की तरफ से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को जारी आदेश में कहा गया कि, विगत वर्ष प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक परीक्षा को कदाचारमुक्त कराने एवं इसके मूल्यांकन को सुदृढ़ कराने हेतु आवश्यक दिशा-निदेश दिया गया था,
परंतु कतिपय जिलों से अर्द्धवार्षिक परीक्षा के संचालन एवं इसके मूल्यांकन में पूरी तरह से पारदर्शी एवं सशक्त तरीके से परीक्षा का संचालन एवं मूल्यांकन नहीं कराने संबंधी सूचना विभिन्न स्रोतों से प्राप्त हुई थी। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी 10 मार्च 2025 से प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में संचालित होने वाले अर्द्धवार्षिक परीक्षा को सशक्त एवं कदाचारमुक्त कराने हेतु परीक्षा एवं मूल्यांकन में संलग्न सभी पदाधिकारियों, केन्द्राधीक्षकों,
वीक्षकों एवं अन्य कर्मियों को सख्त निदेश दिये जायें कि इस आदेश के अनुपालन में कोई भी चूक / लापरवाही मान्य नहीं होगी एवं दोषी पदाधिकारियों/ कर्मियों के विरूद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही परीक्षा उपरांत प्रत्येक जिले में ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर छात्र-छात्राओं के उत्तर पुस्तिका में दिए गए उत्तर के मूल्यांकन एवं अंकशीट आदि की प्रविष्ट से रैंडम तरीके से छात्र/छात्राओं के नाम एवं पता के साथ 500-1000 छात्र/छात्राओं की सूची जिला शिक्षा पदाधिकारी को उपलब्ध कराई जाएगी।
इन छात्र-छात्राओं के उत्तर पुस्तिका में दिए गए उत्तर का मूल्यांकन एवं अंकशीट आदि की जांच स्वयं करेंगे तथा आवश्यकतानुसार संबंधित छात्र-छात्राओं का साक्षात्कार कर प्रश्न के उत्तर की भी जानकारी लेंगे। इस क्रम में यदि उत्तर पुस्तिका में अंकित ज्ञान और छात्र/छात्राओं के ज्ञान
में भिन्नता पाए जाने पर संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी को चिन्हित करते हुए विभाग को संसूचित करना सुनिश्चित करेंगे। जब तक राज्य मुख्यालय से निर्देश नहीं जायेगा जब तक सभी उत्तर पुस्तिकाएँ जाँच हेतु विद्यालय में रखें जायेंगे। उत्तर पुस्तिका छात्रों को दिखा कर वापस ले लिया जाय।