समस्तीपुर, अशोक “अश्क” जिले के पूसा प्रखंड में पंचायतों को रोशन करने के लिए चलाई गई सोलर लाइट योजना पर अनियमितताओं का साया मंडरा रहा है। पंचायतों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, अब तक लगाए गए सोलर लाइटों में लगभग आधे खराब हो चुके हैं। इनमें से कई लाइटें पूरी तरह बंद हैं, जबकि कुछ मात्र 2-3 घंटे ही काम कर रही हैं। इस स्थिति से नाराज जनप्रतिनिधियों ने भुगतान पर रोक लगा दी है,

बावजूद इसके उन पर लगातार भुगतान के लिए दबाव बनाया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रत्येक पंचायत के हर वार्ड में 10-10 सोलर लाइट लगाने का प्रावधान था, जिसका भुगतान पंचायत से किया जाना था। हालांकि, एजेंसी का चयन जिला स्तर पर हुआ था। जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि योजना के तहत ब्रेडा कंपनी की लाइट लगाई जानी थी,
लेकिन एजेंसी ने कथित रूप से स्थानीय स्तर का घटिया सामान लगा दिया, जिसके चलते यह समस्या उत्पन्न हो रही है। बताया जा रहा है कि प्रत्येक सोलर लाइट की सरकारी कीमत लगभग 31 हजार रुपये है। लेकिन इसे बिजली के खंभों पर टांग दिया गया है और इसके लिए कोई नया खंभा नहीं लगाया गया।
योजना के तहत इन लाइटों का पांच वर्षों तक रखरखाव एजेंसी की जिम्मेदारी है, फिर भी मरम्मत के लिए कोई नहीं आ रहा है। मुखिया संघ अध्यक्ष प्रिय रंजन गोपाल ने बताया कि इस गड़बड़ी को लेकर कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई है।
और इस मुद्दे पर मुखिया संघ के नेतृत्व में पंचायत प्रतिनिधियों ने डीपीआरओ और बीडीओ को आवेदन देकर दस बिंदुओं पर सोलर लाइटों की गुणवत्ता की गारंटी सुनिश्चित करने और सभी शिकायतें दूर करने की मांग की है। इस अवसर पर मुखिया चंदेश्वर पासवान, पिंटू कुमार गिरी, अरुण कुमार सक्सेना, वरुण कुमार सिंह, सुनील कुमार राय सहित कई अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।