उपमुख्यमंत्री ने किया देश के जांबाजों को पुरस्कृत

मोतिहारी / राजन द्विवेदी। भारतीय सेना के दो दिवसीय ‘शौर्य वेदनाम उत्सव’ कार्यक्रम आज मोतिहारी के ऐतिहासिक गांधी मैदान में संपन्न हो गया। इस शौर्य वेदनम उत्सव कार्यक्रम में भारत के तीनों सेनाओं के शौर्य और पराक्रम को देखने के लिए लोगों की दोनों दिन भीड़ उमड़ पड़ी। जहां जल, थल और वायु सेना के जवानों ने अपने अदम्य साहस भरे शौर्य एवं पराक्रम को रोमांचक व हैरतअंगेज करतबों से लोगों को हतप्रभ करते हुए खुब तालियां बटोरी।
बता दें कि कार्यक्रम की शुरुआत कल 7 मार्च को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान एवं रक्षा समिति के अध्यक्ष सह सांसद राधामोहन सिंह ने संयुक्त उद्घाटन के साथ किया था। वहीं आज दूसरे दिन शौर्य वेदनम उत्सव कार्यक्रम के समापन कार्यक्रम का शुभारंभ बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं भारतीय रक्षा समिति के अध्यक्ष सह सांसद राधामोहन सिंह ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर भारतीय सशस्त्र बलों की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन, शौर्य वेदनाम उत्सव, 8 मार्च 2025 को समाप्त हुआ। यह पहली बार है कि बिहार के मोतिहारी में इस तरह का आयोजन किया गया है। इस बहुप्रतीक्षित दो दिवसीय उत्सव में सैन्य उपकरणों, मार्शल आर्ट, सैन्य बैंड द्वारा सामूहिक प्रदर्शन, विशेष बलों द्वारा युद्ध प्रदर्शन, मोटरसाइकिल करतब और डॉग शो और ऐसे कई अन्य हैरतअंगेज करतब प्रदर्शन आकर्षण बना रहा ।
-मार्शल आर्ट व नवीनतम सैन्य उपकरणों को किया प्रदर्शित
गांधी मैदान में दर्शकों को मार्शल आर्ट और नवीनतम सैन्य उपकरणों के शानदार प्रदर्शन की एक लुभावनी प्रदर्शनी देखने को मिली। उल्लेखनीय प्रदर्शनों में टी-90 टैंक, भारतीय सेना का मुख्य युद्धक टैंक, स्वदेशी के-9 वज्र स्व-चालित तोप, बीएमपी वाहन और घरेलू रूप से निर्मित हथियार लोकेटिंग रडार (डब्ल्यूएलआर) स्वाति शामिल थे।
भारतीय नौसेना के कर्मियों ने आगंतुकों के साथ बातचीत की, नौसेना की त्रि-आयामी क्षमताओं के बारे में साझा किया और युवाओं को इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित किया। नौसेना बैंड के प्रदर्शन ने सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त कौशल को उजागर करते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सशस्त्र बलों के सभी वीरों के बलिदान का सम्मान करते हुए एक स्मारक स्थल पर स्थापित किया था। आगंतुकों को हमारे सशस्त्र बलों के साहस और वीरता के बारे में जानने का मौका मिला और उन्होंने हमारे सशस्त्र बलों के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। भारतीय वायु सेना और नौसेना के एयर क्राफ्ट कैरियर, पनडुब्बी और विध्वंसक के मॉडल भी प्रदर्शित किए गए।
इस कार्यक्रम में आत्मनिर्भर भारत के तकनीक-संचालित सशस्त्र बलों पर प्रकाश डाला गया। जिसमें टैंक और आर्टिलरी गन के स्वदेशी संस्करण शामिल थे। सावधानीपूर्वक आयोजित इस कार्यक्रम में सूचनात्मक काउंटर और आकर्षक सैन्य प्रदर्शनों की एक श्रृंखला भी शामिल थी।
पूर्व सैनिकों के लिए पुनर्वास निदेशालय द्वारा आयोजित जॉब फेयर ने मूल्यवान केंद्र के रूप में कार्य किया। जिसमें संसाधन, सहायता, दूसरा करियर चुनने के लिए नेटवर्किंग अवसर प्रदान किए गए। भारतीय सेना के क्षेत्रीय भर्ती कार्यालयों ने युवाओं से संपर्क किया, उन्हें करियर के अवसरों और सैन्य सेवा में नवीनतम विकास के बारे में जानकारी दी।
- दुर्लभ और अत्याधुनिक शस्त्र तकनीक को लोगों ने जाना
इस दुर्लभ अवसर ने उपस्थित लोगों को हमारे सशस्त्र बलों द्वारा नियोजित अत्याधुनिक तकनीकों को प्रत्यक्ष रूप से देखने का अवसर मिला। जिससे भारतीय सशस्त्र बलों और उनकी शक्ति के बारे में गहरी समझ विकसित हुई।