जिला पदाधिकारी ने हरनाटांड के विभिन्न उत्पादन केंद्र का निरीक्षण किया

हरनाटांड़ के उद्यमियों के उत्पादों को मिलेगा विस्तृत बाज़ार व वित्तीय सहायता : कुंदन कुमार
बेतिया/अवधेश कुमार शर्मा। पश्चिम चम्पारण जिला में मैनाटांड़ से हरनाटांड़ तक विस्तृत थारु बाहुल्य क्षेत्र में विकास की किरणों को पहुँचाने के लिए समेकित थरुहट विकास योजना संचालित है। इसके अतिरिक्त जिला पदाधिकारी ने स्किल डेवलपमेंट अंतर्गत चनपटिया स्टार्टअप जोन की सफलता से उत्साहित होकर सुदूर थरुहट क्षेत्र की राजधानी कहे जाने वाले हरनाटांड़ में जिला का दूसरा स्टार्टअप जोन बनाने को लेकर हरनाटांड के विभिन्न स्थलों का निरीक्षण किया।

उन्होंने कहा कि विगत वर्ष थरुहट क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक विकासशील लोगों को लेकर समाहरणालय सभा कक्ष में थरुहट क्षेत्र में विकास योजनाओं के संचालन को लेकर विचार विमर्श किया गया। वहाँ के लोगो से स्टार्टअप जोन के कार्यान्वयन पर सुझाव लिया गया। इसी क्रम में थरुहट हरेंद्र प्रसाद, बृज किशोर प्रसाद, प्रभावती कुमारी, रूक्मणी देवी ने चनपटिया स्टार्टअप ज़ोन की भाँति स्टार्टअप हब थरुहट के हरनाटांड में प्रारम्भ कराने का अनुरोध भी किया।
जिससे थरुहट क्षेत्र का समेकित व समन्वित विकास संभव हो सके। थरुहट के लोगों ने चनपटिया स्टार्टअप ज़ोन का अवलोकन भी किया तथा उसी अनुरुप स्टार्टअप ज़ोन कार्यान्वयन की आकांक्षा रखा। जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने कहा कि सरकार एवं जिला प्रशासन थारुओं के आर्थिक, समाजिक उत्थान को कृतसंकल्पित है। इसके दृष्टिगत उस दिशा में सकारात्मक कार्रवाई की जा रही है।
थरुहट क्षेत्रों के सम्यक विकास के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की गयी है, जिसका क्रियान्वयन अविलंब प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाली नयी पीढ़ियों को रोजगार, शिक्षा, स्पोर्ट्स के क्षेत्र में उत्तम भविष्य प्रदान के उदेश्य से कार्य किया जा रहा है, जिससे थारु जनजाति व थरुहट क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो सके। उन्होंने कहा कि थरूहट क्षेत्र के विकास एवं कल्याण के लिए परंपरागत एवं लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को साथ लेकर चलने की आवश्यकता है। निरीक्षण के क्रम में जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने ग्रामीण महिला विकास समिति मिश्रौली व ग्रामीण महिला विकास समिति हरनाटांड में पूर्व स्थापित हस्तकरघा केंद्र का निरीक्षण किया।
उन्होंने (रॉ मटेरियल) कच्चा माल लाने, उत्पादन व बिक्री की सूक्ष्म जानकारी कामगारों से प्राप्त किया। इस क्रम में मिश्रौली के हरेंद्र प्रसाद ने बताया कि उनकी समिति में 28 महिलाएं कार्यरत हैं। सभी पुरातन पद्धति के हस्तकरघा का उपयोग से शॉल, स्वेटर, टोपी बनाती हैं। अभी एक केंद्र में 11 मशीनें हैं। वहीं हरनाटांड के हरेंद्र प्रसाद के अनुसार इस उत्पादन केंद्र की स्थापना 1969-70 में उनके पिता ने किया। वे लगभग 20 वर्ष से केंद्र संचालित कर रहे हैं।
वर्तमान समय में 11 मशीन, 42 हस्तकरघा की मशीन और 4 ज़ुकी कि मशीन है। जिसकी मदद से स्वेटर, शॉल, चादर, विंडचीटर का निर्माण किया जाता है। राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल बेतिया को 3500 चादर उसी केंद्र से आपूर्ति की गई है। हरनाटांड के दूधनाथ प्रसाद व उनके पुत्र मंटू ने बताया कि वे लॉक डाउन में सूरत से वापस आए और हरनाटांड़ में माँ फैशन गारमेंट नाम का स्टार्टअप किया। प्रतिमाह लाख रुपए का टर्न ओवर है, वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत हैं।
पूनम फैशन के मालिक बृज किशोर प्रसाद भी वस्त्र निर्माण का स्टार्टअप प्रारंभ की जानकारी दी। विचार-विमर्श के दौरान सभी आर्थिक रुप से समृद्ध नहीं है, उन्हें वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। कच्चा माल (रॉ मटेरियल) बाहरी राज्य से मंगवाने में आने वाले अत्यधिक व्यय की समस्या जिला पदाधिकारी के समक्ष रखा। सभी समस्याओं का विधि-सम्मत समाधान का आश्वासन भी दिया गया।
जिला पदाधिकारी ने कहा कि दीप से दीप को जलाकर अंधेरा दूर किया जायेगा। वहाँ के उद्यमियों ने स्टार्टअप जोन के लिए जो उत्साह व जोश दिखाया है, सभी मिलकर इसे सफल बनायेंगे। उन्होंने कहा कि हरनाटांड़ में जिला का दूसरा स्टार्टअप जोन शीघ्र बनाया जाएगा। जिला पदाधिकारी ने पणन (मार्केटिंग) की जानकारी भी लिया। उद्यमियों ने बताया कि उनके उत्पाद की विक्री क्षेत्रीय बाजार में की जा रही है।
जिला पदाधिकारी ने उन्हें अन्य जिलों और राज्यों में बिक्री करने का सुझाव दिया और कहा कि जिला प्रशासन का सहयोग किया जाएगा। डीएम ने कहा कि थरुहट की थारु जनजाति काफी परिश्रमी हैं और ये संयुक्त परिवार व आपसी भाईचारा की नज़ीर भी पेश कर रहे हैं। इस कड़ी को आगे बढाने की आवश्यकता है, जिससे इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास संभव हो सकेगा।
जिला पदाधिकारी ने कहा कि आधुनिक मशीन से टेक्सटाइल एवं गारमेंट्स के क्षेत्र में शीघ्र ही उत्पादन प्रारंभ करने की योजना है। उद्यमियों ने बताया कि वहां अतिकुशल कारीगर भी उपलब्ध हैं, जो सूरत, लुधियाना, पंजाब से वापस आकर कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त अनिल कुमार, एडीएम बगहा दीपक मिश्रा, डीसीएलआर बगहा मो. इमरान उपस्थित रहे।