कृषि मंत्री ने पटना जिला के कुरकुरी पंचायत से किया किसान चौपाल का शुभारम्भ

फ़ुलवारी शरीफ

महिलाओं से मंत्री ने कहा अपने पति को खेतों में पराली जलाने से रोकने के लिए प्रेरित करें तब भगवान की पूजा करने मंदिर जाएं

खाद्य की अत्यधिक मात्रा में उपयोग ना करें बल्कि जैविक खेती के सहारे खेती किसानी करें

Phulwari Sharif, Ajit : बिहार सरकार के कृषि सह मंत्री बोधगया के राजद विधायक कुमार सर्वजीत ने मंगलवार को पटना के फुलवारीशरीफ प्रखंड अंतर्गत कुरकुरी पंचायत के पंचायत भवन से रबी मौसम में किसान चौपाल का शुभारम्भ करते हुए राज्य भर के किसानों से अपील किया है कि किसी भी हाल में खेतों में आग ना लगाएं खेतों में पुआल अथवा पराली को न जलाएं। साथ ही, उन्होंने बामेती द्वारा प्रकाशित फसल अवशेष प्रबंधन, जल-जीवन-हरियाली, जैविक खेती, जल की एक-एक बूँद से अधिक उत्पादन, प्राकृतिक खेती, बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से संबंधित सूचना आदि से संबंधित लिफलेट/पुस्तिका का विमोचन किया।

मंत्री ने कहा कि आज कल फसल अवशेष जलाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, यह चिन्ता की बात है। उन्होंने खासकर महिला किसानों से अपील किया कि जिस तरह सुबह में थाली सजाकर देवी-देवताओं की आप पूजा करती हैं, उसी तरह से अपने पति को फसल अवशेष नहीं जलाने के लिए प्रेरित करें। फसल अवशेष जलाने से मिट्टी में पोषक तत्वों एवं मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की क्षति होती है। जमीन में पाये जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु मर जाते हैं। फसल अवशेष जलाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है। इसके जलाने से एरोसाॅल के कण निकलते है,जो हवा को प्रदूषित करते हैं।

उन्होंने फसल अवशेष को न जलाने तथा इसके प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों के प्रयोग के बारे में किसानों को जानकारी देने हेतु विभागीय पदाधिकारियों को निदेशित किया। उन्होंने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन बहुत बड़ी समस्या का रूप लेते जा रहा है। जिसके कारण असमय वर्षापात एवं सुखाड़ की घटना बढ़ती जा रही है। इसका एक कारण फसल अवशेष को जलाना भी है। उन्होंने कहा कि खेतों में आग लगाना अपने घर अपनी संपत्ति को आग लगाना है। आगे कहा कि बहुत ही दुर्भाग्य बात है कितनी छोटी सी जानकारी को हर गांव टोला में किसानों के बीच ले जाने जानकारी देने जागरूक करने के लिए हमारी सरकार को करोड़ों रुपया खर्च करना पड़ रहा है उन्होंने युवाओं से अपील किया कि अपने अपने घरों में लोगों को समझाएं कि खेतों में किसी भी हाल में आग न लगाएं ।

साथ ही यह जानकारी देते हुए कहा कि ₹20 में एक दवा आती है जिससे पुआल की समस्या का निदान हो सकता है। उन्होंने ठेठ अंदाज में बताया कि ₹20 की दवा को 200 लीटर पानी में मिलाकर उसका उपयोग कर सकते हैं उसके बाद उसमें से थोड़ा सा दवा को बचा कर रखिए जिस तरह से दही जमाने के लिए जोड़न बचा कर रखते हैं उसी तरह उसका उपयोग करें और फिर बचे हुए लिक्विड से 200 लीटर में आप दवा तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा पुआल को आप जानवरों के चारे के रूप में उपयोग कर समस्या का निदान कर सकते हैं।
मंत्री ने कहा कि किसानों को समय पर बीज मिले यह सरकार की प्राथमिकता में है।

उन्होंने कहा कि मैं प्रत्येक दिन इसके संबंध में राज्य के किसान भाई-बहनों से टेलिफोन पर बात करता हूँ एवं उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान करने हेतु विभागीय पदाधिकारियों को निदेशित करता हूँ। मंत्री ने कहा कि किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए प्रतिदिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद हमसे इस मुद्दे पर बात करते हैं और दिशा निर्देश देते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के इस गंभीर समस्या के लिए प्रेरित करने जागरूक करने में अखबार और अल्ट्रॉनिक मीडिया का बहुत बड़ा महत्व है उन्होंने पत्रकारों से आग्रह किया इस मुद्दे को अच्छी तरह से उजागर करें ताकि हमारे किसान जैविक खेती को बढ़ावा दें वालों को न जलाएं, खाद की अधिक मात्रा में इस्तेमाल ना करें। मंत्री ने कहा कि जहां जिस जगह 1 किलो खाद की जरूरत होती है अनजाने में किसान वहां 5 किलो खाद का प्रयोग करते हैं जिससे खेती प्रभावित होती है और वहां उर्वरा क्षमता खेत का नष्ट होता है।

इतना ही नहीं इन सब कारणों से किसानों को कैंसर जैसी समस्याओं से पूछना पड़ता है। मंत्री ने पंजाब का हवाला देते हुए कहा कि आज वहां अत्याधिक टेक्नोलॉजी और केमिकल का इस्तेमाल के चलते किसानों के लिए स्पेशल कैंसर रोगियों से रिलेटेड ट्रेन चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा की हम बिहार के किसानों से आग्रह करते हैं कि पुराने खाद गोबर का इस्तेमाल करें खेतों में ,जो हमारे पुरखों के जमाने से होता चला आया है।।उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसान जिस फसल का बीज चाहे, उन्हें उसी फसल का बीज उपलब्ध कराया जाये। श्री कुमार ने कहा कि रबी मौसम में राज्य के सभी पंचायतों में दिनांक 15 नवम्बर से 05 दिसम्बर के बीच किसान चैपाल आयोजित किया जा रहा है, जिसमें लगभग 12.50 लाख किसान भाग लेकर विभागीय योजनाओं से अवगत होंगे।

किसान चैपाल में फसलों की उत्पादकता में वृद्धि के साथ-साथ विपणन समस्याओं का समाधान कर उनकी आमदनी बढ़ाने का भी सुझाव दिया जाएगा। रबी किसान चौपाल का आयोजन नुक्कड़-नाटक के माध्यम से किया जा रहा है। नुक्कड़-नाटक के माध्यम से कृषि विभाग की योजनाओं का प्रचार-प्रसार, मिट्टी जाँच के आधार पर संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग को बढ़ावा, फसल अवशेष प्रबंधन, जलवायु अनुकूल कृषि कार्य, जैविक खेती को बढ़ावा, विशेषज्ञों द्वारा रबी फसलों की तकनीकी जानकारी, समय से फसल की बुवाई एवं बीजोपचार को बढ़ावा, सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के माध्यम से जल प्रबंधन आदि विषयों पर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में विशेष सचिव, कृषि विभाग, बिहार बिजय कुमार, निदेशक, बामेती आभांशु सी॰ जैन, पटना प्रमण्डल के संयुक्त निदेशक (शष्य) कृष्ण कांत झा, पटना के जिला कृषि पदाधिकारी विभु विद्यार्थी, कृषि विज्ञान केन्द्र, बाढ़ के वैज्ञानिक डाॅ॰ मृणाल वर्मा, आत्मा अध्यक्ष सुरेश पासवान,प्रखंड प्रमुख एवम स्थानीय पंचायत के मुखिया सहित कृषि विभाग के पदाधिकारीगण एवं किसानगण उपस्थित थे।