DESK : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड के दौरे पर हैं. पीएम मोदी बद्रीनाथ धाम में पूजा अर्चना के बाद भारत-चीन सीमा सटे माणा गांव पहुंचे. यहां वह सरस मेले में गए और स्थानीय उत्पादों की जानकारी ली. इसके बाद उन्होंने माणा गांव में जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बाबा के सानिध्य में, बाबा के आदेश से पिछली बार जब आया था तो कुछ शब्द मेरे मुंह से निकले थे वो शब्द मेरे नहीं थे, लेकिन यूं ही निकल गया था कि ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा. मुझे विश्वास है कि इन शब्दों पर बाबा का निरंतर आशीर्वाद बना रहेगा.
पीएम मोदी ने आगे कहा, “मेरा सौभाग्य है, आज मैं नई परियोजनाओं के साथ फिर उसी संकल्प को दोहराने आया हूं. आज मुझे आप सभी के दर्शन का मौका मिला.” पीएम ने आगे कहा कि माणा गांव भारत के अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है, लेकिन जैसा सीएम ने कहा, अब तो मेरे लिए भी सीमा पर बसा हर गांव देश का पहला गांव हो गया है.
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं आज माणा गांव की पुरानी यादें ताजा करना चाहता हूं. आज से 25 साल पहले मैं उत्तराखंड में बीजेपी के कार्यकर्ता के रूप में काम करता था तो संगठन के बीच होता था. उस समय माणा में मैंने उत्तराखंड बीजेपी कार्यसमिति की बैठक बुलाई थी. लोग मुझसे नाराज थे कि इतनी दूर जाना पड़ेगा. मैंने कहा माणा का महत्व जरूरी है. उसी का परिणाम है कि आज लगातार आशीर्वाद बना रहता है.”
पीएम मोदी ने कहा, “आज मुझे श्रमिक भाई बहनों के साथ बात करके अच्छा लगा. वो कहते हैं हम कोई रोड की इमारत की पूजा नहीं कर रहे हम तो बाबा की पूजा कर रहे हैं. आजादी के 75 साल बाद भी हमारे देश को गुलामी की जंजीर ने इस तरह जकड़ा हुआ है कि नफरत का भाव रहा, अपनी संस्कृति को लेकर हीनभावना, आजादी के बाद सोमनाथ मंदिर के निर्माण के समय क्या हुआ ये हम सब जानते हैं.”
पीएम ने कहा कि विदेशों में वहां की संस्कृति से जुड़े स्थानों की ये लोग तारीफ करते-करते नहीं थकते थे, लेकिन भारत में इस काम को हेय दृष्टि से देखा जाता था. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक हमारे यहां अपने आस्था स्थलों के विकास को लेकर एक नफरत का भाव रहा. उन्होंने कहा कि आस्था के ये केंद्र सिर्फ एक ढांचा नहीं बल्कि हमारे लिए प्राणवायु की तरह हैं. उन्होंने कहा, “वो हमारे लिए ऐसे शक्तिपुंज हैं, जो कठिन से कठिन परिस्थतियों में भी हमें जीवन बनाए रखते हैं.”
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आस्था और अध्यात्म के स्थलों के इस पुनर्निमाण का एक और पक्ष है जिसकी उतनी चर्चा नहीं हो पाती. ये पक्ष है पहाड़ के लोगों की Ease Of Living का, पहाड़ के युवाओं के रोजगार का. उन्होंने कहा, “जब पहाड़ पर रेल, रोड और रोपवे पहुंचते हैं, तो अपने साथ रोजगार लेकर आते हैं. जब पहाड़ पर रेल-रोड और रोपवे पहुंचते हैं, तो ये पहाड़ का जीवन भी आसान बनाते हैं.”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “पहले जिन इलाकों को देश की सीमाओं का अंत मानकर नजरअंदाज किया जाता था, हमने वहां से समृद्ध का आरंभ मानकर काम शुरू किया. पहले देश का आखिरी गांव जानकर जिसकी उपेक्षा की जाती थी, हमने वहां के लोगों की अपेक्षाओं पर फोकस किया. पहले देश के विकास में जिकने योगदान को महत्व नहीं दिया गया, हमने उन्हीं को साथ लेकर प्रगति के महान लक्ष्यों की ओर बढ़ने का संकल्प किया.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी इस ताकत को कई लोग पहचान ही नहीं पाते है, उत्तराखंड़ की यह देव भूमि इस बात की साक्षी बन रही है. रोपवे प्रोजेक्ट से केदारनाथ के दर्शन आसान होंगे. श्रद्धा और आस्था के केंद्रों का गौरव लौट रहा है.” उन्होंने आगे कहा कि मुझे हर गांव तक बिजली पहुंचाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. इसी के साथ उत्तराखड़ के 65 प्रतिशत घरों में पानी पहुंच गया है.
उन्होंने कहा कि हिमालय की हरी भरी पहाड़ियों पर रेल गाड़ी की आवाज उत्तराखंड के विकास की एक नई गाथा लिखेगी. देहरादून एयरपोर्ट भी अब नए अवतार से सेवा दे रहा है. चारधाम ऑल वेदर रोड उत्तराखंड के लोगों को साथ-साथ पर्यटकों और श्रद्धालुओं को एक नया एहसास दे रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि आधुनिक कनेक्टिविटी राष्ट्ररक्षा की भी गारंटी होती है. इसलिए बीते 8 सालों में एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं. भारतमाला के तहत देश के सीमावर्ती क्षेत्रों को बेहतरीन और चौड़े हाईवे से जोड़ा जा रहा है. सागरमाला से अपने सागर तटों की कनेक्टिविटी को सशक्त किया जा रहा है.