गया, बीपी प्रतिनिधि। कहते हैं जोड़ियां ईश्वर बनाता है. यह एक बार फिर सही साबित हुआ है. 2 दिन पहले आई जो बारात घर के दरवाजे से लौट गई थी. अब उसी दुल्हनिया की डोली थाने के परिसर से निकली. दूल्हा और दुल्हन वही थे, बस कुछ बाराती बदले थे और उनकी जगह थाने की पुलिस और जनप्रतिनिधि एवं बुद्धिजीवियों की मौजूदगी इस अनोखे विवाह में थी. मोहनपुर थाना के चरकेड़िया गांव के निवासी भदन मांझी की पुत्री काजल कुमारी की शादी बाराचट्टी प्रखंड अंतर्गत धनगाई थाना के गोसाई पेसरा निवासी रामदास मांझी के पुत्र विक्रम मंडल के साथ तय हुई थी.
शादी की तिथि के अनुसार बारात बीते शनिवार को गोसाई पेसरा को पहुंची थी. शादी की तिथि थी पर गोसाई पेसरा पहुंची बारात काफी धूमधाम से निकली थी और बराती डीजे की धुन पर डांस करते हुए दूल्हे के साथ दुल्हनिया के दरवाजे तक पहुंच चुके थे. इसी बीच नाचने को लेकर विवाद हो गया. बराती और सराती दोनों आपस में भिड़ गए. मामला काफी आगे बढ़ गया. विवाद के बाद बारातियों का गुस्सा इस कदर हावी हुआ कि वे दूल्हा समेत वापस मोहनपुर के चरकेडिया को बगैर शादी किए ही लौट गए. इस तरह की घटना के बाद दुल्हन के पिता काफी चिंतित हो गए और उन्होंने जनप्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों के अलावे धनगाई थाना से संपर्क साध कर शादी संपन्न करने की गुहार लगाई.
जनप्रतिनिधि, बुद्धिजीवी और बाराचट्टी एवं धनगाई थाना की पहल पर आखिरकार दूल्हा और दुल्हन दोनों पक्ष के लोग एकमत हुए. निर्णय लिया गया कि अब फिर से बारात लाने के बजाए थाने में ही शादी समारोह संपन्न कराया जाए. इसके बाद सोमवार को दूल्हा और दुल्हन एवं उनके परिवार और मुख्य अतिथि मौके पर पहुंचे धनगाई थाने में ही पूरे रीति रिवाज के साथ शादी समारोह संपन्न कराया गया और फिर दूल्हा अपनी दुल्हन को लेकर खुशी-खुशी अपने घर को लौटा. इस शादी समारोह के अवसर पर धनगाई थाना में पूर्व विधायक समता देवी, प्रखंड प्रमुख देवरानी देवी, बाराचट्टी थानाध्यक्ष राम लखन पंडित, धनगाई थानाध्यक्ष अंगद पासवान समेत कई जनप्रतिनिधि व बुद्धिजीवी वर्ग के लोग मौजूद रहे.
वैसे अब मारपीट के बाद फिर से थाने में शादी होने की अनोखा की बात को लेकर इलाके में काफी चर्चा हो रही है.बुद्धिजीवी वर्ग व जनप्रतिनिधि ने उठाया इस शादी का खर्च: थानाध्यक्ष.इस संबंध में धनगाई थानाध्यक्ष अंगद पासवान ने बताया कि 2 दिन पहले टूटी शादी थाने में पूरे रस्म रिवाज के साथ संपन्न कराई गई है. दूल्हा और दुल्हन और दोनों पक्ष के परिवार अब काफी खुश हैं. इस शादी का खर्च बुद्धिजीवियों और जनप्रतिनिधियों के द्वारा उठाया गया. थानाध्यक्ष ने बताया कि हमारी एक पहल ने काफी अच्छा रंग लाया और टूटी शादी फिर से जुट गई है.