महाकुंभ के ऊपर से हर घंटे 8 से ज्यादा विमान, श्रद्धालुओं को मिल रहा हवाई दर्शन का अनुभव

प्रयागराज

अशोक “अश्क” प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को अनोखा हवाई दर्शन का अनुभव मिल रहा है। एयरलाइंस कंपनियों ने अपने यात्रियों के लिए विशेष सुविधा शुरू की है, जिसमें विमानों की ऊंचाई घटाकर उन्हें महाकुंभ का एरियल व्यू दिखाया जा रहा है। आमतौर पर 30 से 40 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ने वाले यात्री विमान महाकुंभ के दौरान 10 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे हैं।

हर रोज 200 से ज्यादा विमान महाकुंभ के ऊपर से गुजर रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि श्रद्धालु अपनी सीटों से उठकर खिड़कियों से महाकुंभ का दृश्य देख रहे हैं। इंडिगो और स्पाइसजेट की फ्लाइट्स सबसे ज्यादा इस मार्ग पर उड़ान भर रही हैं। यात्रियों के अनुसार, फ्लाइट में अनाउंसमेंट करके भी महाकुंभ के ऊपर से गुजरने की जानकारी दी जा रही है।

एक ब्लॉगर ने महाकुंभ का एरियल व्यू देखते हुए X पर लिखा केवल सनातन है, जो स्वर्ग और नरक से भी आगे की बात करता है। मोक्ष और भगवत प्राप्ति। इसके अलावा, उद्योगपति मुकेश अंबानी ने भी अपने निजी विमान से महाकुंभ का हवाई चक्कर लगाया था। बमरौली एयरपोर्ट अथॉरिटी ने उनके विमान को इसके लिए विशेष अनुमति दी थी।

अब तक 700 से ज्यादा चार्टर्ड प्लेन बमरौली एयरपोर्ट पर उतर चुके हैं। 11 फरवरी को रिकॉर्ड 157 चार्टर्ड प्लेन उतरे। अन्य दिनों में भी बड़ी संख्या में विमान प्रयागराज पहुंच रहे हैं। पवन हंस कंपनी श्रद्धालुओं के लिए 1250 रुपये में हवाई दर्शन की सेवा दे रही है। यह हेलिकॉप्टर अरैल में डीपीएस पब्लिक स्कूल के पीछे बने हेलीपैड से उड़ान भरकर महाकुंभ का पूरा क्षेत्र घुमाता है और 7-8 मिनट में वापस लौट आता है।

शुरुआती दिनों में ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा थी, लेकिन 7 फरवरी से ऑफलाइन बुकिंग भी शुरू हो गई है। वर्तमान में हेलिकॉप्टर टिकट की वेटिंग संख्या 2000 तक पहुंच गई है। UP इको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने फ्लाई ओला कंपनी के सहयोग से प्रयागराज एयरपोर्ट से त्रिवेणी संगम तक हेलिकॉप्टर सेवा शुरू की है। यात्री हेलिपैड पर उतरकर बोट से संगम तक जाते हैं और स्नान व अनुष्ठान के बाद वापस लौटते हैं।

इस सेवा की कीमत प्रति यात्री 35,000 रुपये रखी गई है। बमरौली एयरपोर्ट के निदेशक मुकेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि हवाई जहाजों की ऊंचाई घटाने को लेकर कोई विशेष आदेश या निर्देश नहीं दिया गया है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल की निगरानी में विमानों की उड़ान हो रही है।