हुगली/बीपी प्रतिनिधि। विकसित देशों में खेती में अत्याधुनिक संयंत्रों का इस्तेमाल तो काफी होता है, लेकिन भारत जैसे गरीब देशों में कृषि के लिए आधुनिक यंत्रों का बहुत कम इस्तेमाल देखने को मिलता है। इन सब में ड्रोन का इस्तेमाल तो काफी कम देखने को मिलता है। भारत के कुछ बड़े किसान तो ड्रोन के इस्तेमाल करते हैं लेकिन बंगाल जैसे राज्य में अब तक इसकी कोई खबर सामने नहीं आया है।
लेकिन इन सबके बीच पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के किसान परिवार से आने वाले एक युवा इंजीनियर ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर खेती को और उन्नत बनाने और अपने किसान भाई बहनों की मदद के लिए किसान ड्रोन का अविष्कार किया है। यह किसान ड्रोन बाजार मूल्य से लगभग 3 गुने कम कीमत में मिलने के साथ ही साथ अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है।
इस ड्रोन को बनाने वाले हुगली जिले के कृशानु सिंह, झारखंड के मयंक राजवंशी और उड़ीसा के दीपक स्वाइन शामिल हैं। उनका कहना है 10 लीटर वाले कैपेसिटी की ऐसी ड्रोन की विदेशों में कीमत लगभग ₹10 लाख रुपये है। जबकि उन लोगों ने जो किसान दरों बनाया है वो 3 से साढ़े तीन लाख में उपलब्ध होगा। इसे किसान खरीद सकते हैं अथवा किराए पर दे सकते हैं।
उनका दावा है कि यह खेत में कीटनाशक का छिड़काव करने के साथ ही साथ तालाब और अन्य खुले जलाशयों में मछलियों के लिए चारा देने में भी कारगर साबित हो सकता है। उनका दावा है कि महज 7 मिनट में ही यह 3 एकड़ जमीन पर कीटनाशक का छिड़काव कर सकता है। किसान परिवार से आने वाले कृशानु सिंह और उसके दोस्तों द्वारा बनाई गई इस किसान ड्रोन के माध्यम से इलाके में खेती भी हो रही है और यही कारण है कि आज वे पूरी तरह से चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।
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