West Bengal : सीएम ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति को लेकर मंत्री के बयान पर मांगी माफी

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DESK : पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने टीएमसी नेता और मंत्री अखिल गिरी के राष्ट्रपति को लेकर दिए गए विवादित बयान पर माफी मांगी है. ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि अपने नेता के बयान के लिए हम माफी मांगते हैं. पार्टी इस पर कारवाई करेगी. पार्टी को इस तरह के बयान से कोई मतलब नहीं है. किसी ने गलती की है और हम इसका विरोध कर रहे हैं, हम इसका समर्थन नहीं कर रहे हैं, लेकिन हर दिन बयान देने के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है और झूठ बोलना जारी है वह अस्वीकार्य है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बोलना एक कला है. मैं कभी-कभी ‘किंभुतकीमाकर’ (इसका अर्थ अजीब होता है) शब्द का प्रयोग करती हूं. शब्दकोश में यह एक शब्द है. मैंने डिक्शनरी के बाहर किसी शब्द का प्रयोग नहीं किया है. यदि मैं कभी कोई अपशब्द बोलती हूं, तो मैं उसे तुरंत वापस ले लेती हूं और निश्चित रूप से हमें वह अधिकार है.

बता दें कि पश्चिम बंगाल के सुधार गृह मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अखिल गिरी ने शुक्रवार (11 नवंबर) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने नंदीग्राम के एक गांव में रैली में कहा था कि उन्होंने (बीजेपी) कहा कि मैं अच्छा नहीं दिखता हूं. हम किसी को उसके रूप से नहीं आंकते. हम राष्ट्रपति के पद का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारी राष्ट्रपति कैसी दिखती हैं? इस बयान को लेकर चौतरफा आलोचना होने के बाद अखिल गिरी ने शनिवार (12 नवंबर) को माफी मांग ली थी.

उन्होंने कहा था कि मेरा आशय राष्ट्रपति का अनादर करने से नहीं था. मैं केवल उन बयानों का जवाब दे रहा था जो बीजेपी नेताओं ने मुझ पर हमला करते हुए दिए. हर दिन अपने रूप के कारण मैं मौखिक हमले का शिकार होता हूं. यदि किसी को लगता है कि मैंने राष्ट्रपति का अनादर किया है, तो मैं इस बयान के लिए माफी मांगता हूं. देश के राष्ट्रपति का मैं बहुत सम्मान करता हूं.

वहीं बीजेपी ने अखिल गिरी के बयान के बाद तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा था और कहा था कि गिरि की टिप्पणी टीएमसी की आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाती है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा था कि अखिल गिरि ने देश की राष्ट्रपति के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की. उन्हें तुरंत विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए.

जबकि बंगाल बीजेपी ने कोलकाता सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में गिरि को मंत्री पद से हटाने और उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर रैली भी निकाली थी. बीजेपी के अलावा कई अन्य दलों ने भी इस बयान की आलोचना की थी. वहीं टीएमसी (TMC) ने कहा था कि वह इस तरह की टिप्पणी का समर्थन नहीं करती है, लेकिन नेताओं की ओर से व्यक्तिगत रूप से की गई टिप्पणियों की जिम्मेदारी नहीं लेगी.