चुनावी राजनीति से अश्विनी चौबे ने लिया संन्यास

बक्सर

बक्सर, विक्रांत। बक्सर संसदीय क्षेत्र में बीजेपी की अंतर्कलह और सियासी गर्माहट के बीच लोकसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद पहली बार अश्वनी चौबे दो दिवसीय दौरे पर बक्सर पहुंचे. पूर्व सांसद ने इस दौरान मंगलवार को एक प्रेस वार्ता कर कहा कि 72 साल की उम्र में चुनावी राजनीति से मैं संन्यास ले रहा हूं. इसलिए बक्सर संसदीय इलाके की जनता को नमन करते हुए पूरे शाहाबाद की तीन दिवसीय नमन यात्रा पर निकला हूं.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि बीजेपी समर्थित एनडीए की 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी. बाहरी प्रत्याशियों की जगह स्थानीय प्रत्याशी को प्राथमिकता मिलेगी. पूर्व सांसद अश्विनी चौबे ने कहा कि देश आज जिस काल से गुजर रहा है, जरूरत है राजनीतिक कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर मजबूती दिखा कर अपनी ताकत बताना. 

बता दें कि बक्सर में लोकसभा चुनाव से पूर्व बीजेपी संगठन का अंदरुनी विवाद अब सामने दिख रहा है. ऐसे में अश्विनी चौबे ने बक्सर पहुंचकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. स्थानीय लोगों को आने वाले चुनाव में प्राथमिकता देने की बात कह कर एक तरह से बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है. वहीं बीते लोकसभा प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी के सड़क के सांसद कहने को लेकर अश्विनी चौबे ने कहा कि मैं पहली बार यह जान रहा हूं. सांसद सांसद होता है, जो वोट लेता है, वहीं सांसद कहलाता है.

अश्विनी चौबे ने मन की भड़ास निकालते हुए कहा कि अब कोई बक्सर के बाहर से आकर विधानसभा चुनाव जीगेगा. लोकसभा में कोई कहीं से लड़ सकता है, लेकिन बक्सर के लोगों में ऊर्जा है. ऊर्जावान बनकर लोकसभा भी जीत सकते हैं और विधानसभा भी जीत सकते हैं. इसलिए पैरासाइड मत बनो. जिस प्रकार हनुमान को अपनी शक्ति को जगाने का जब एहसास हुआ, तो सुमेरू पर्वत को ले आए. इसलिए घमंड मत करो. चुनाव में हम लोगों को कार्यकर्ताओं ने नहीं हराया है, हमारे घमंड ने हराया है. आगे जो होने वाला है, उसके लिए सावधान हो जाइए.

बहरहाल बीते लोकसभा चुनाव के दौरान अश्विनी चौबे के टिकट कट जाने के बाद एक तरफ बक्सर लोकसभा बीजेपी प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी की प्रतिक्रिया आ रही थी. उसको लेकर अश्विनी चौबे की भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली. इस पूरे चुनाव के दौरान अश्विनी चौबे दो बार बक्सर के सांसद रहते हुए भी पूरे चुनाव में बक्सर नहीं पहुंचे थे, हालांकि मिथिलेश तिवारी चुनाव हार जाने के बाद अब यह कह रहे हैं, कि मैं सड़क का सांसद हूं और सुधाकर सिंह संसद के सांसद हैं. इसको लेकर अश्विनी चौबे कि आज तिखी प्रतिक्रिया देखने को मिली.