- सरकारी अस्पतालों के साथ- साथ आंगनबाड़ी केंद्रों पर दी जाती है जांच की सुविधा
- जागरूकता से ही मातृ व शिशु मृत्यु दर में आएगी कमी
बिहारशरीफ/ अविनाश पांडेय: सरकार व स्वास्थ्य विभाग इन दिनों मातृ व शिशु मृत्युदर में कमी लाने के उद्देश्य से कई योजनाओं का संचालन कर रहा है। ऐसे में लाभार्थी महिलाएं सम्बंधित योजनाओं का लाभ उठा सकें, इसका भी ख्याल रखा जा रहा है।इस क्रम में जिला के सभी अस्पतालों के साथ-साथ सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थानों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के अन्तर्गत प्रत्येक महीने होने वाले एंटी नेंटल केयर टेस्ट (एएनसी) जांच की जाती है। इस दौरान जांच को आई गर्भवती महिलाओं में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी (एचआरपी), एचबी प्रतिशत, एचआईवी, सिम्फिल्स, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज आदि का परीक्षण किया जाता है।
महिलाओं के लिए एएनसी जांच बहुत जरूरी
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया, गर्भवती महिलाओं के लिए एएनसी जांच बहुत जरूरी होता है। जिसका लाभ हर गर्भवती महिला को उठाना चाहिए। जांच के माध्यम से पता लगाया जाता है कि किसी गर्भवती महिला में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी या सीवियर एनीमिक का केस तो नहीं है। यदि एनीमिक लेवल 7 या उससे कम होता है तो उसे सीवियर एनीमिक केस में रखा जाता है। उन्होंने मैटरनल और चाइल्ड डेथ रेट को कम से कमतर करने को ले सही एएनसी जांच को सबसे महत्वपूर्ण बताया। कहा कि जांच के जरिये गर्भावस्था की गंभीर जटिलताओं को समय रहते दूर करते हुए माता और शिशु कि प्राणों की रक्षा की जा सकती है।
इन स्थानों पर नियमित रूप से होती है जांच
डॉ. सिंह ने बताया, पूर्व में प्रत्येक सरकारी अस्पताल में हर माह की 9वीं तारीख को आरोग्य दिवस का आयोजन कर जांच की जाती थी। लेकिन, अब प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत माह की 21वीं तारीख को जांच के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है। इसके लिए इच्छुक गर्भवती महिलाएं अपने नजदीकी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, पीएचसी व स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव पूर्व जांच करा सकती हैं। उन्होंने बताया, आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी आरोग्य दिवस का आयोजन किया जाता है। जहां पर हर सप्ताह बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को गर्भवती महिलाओं की जांच के साथ माताओं व शिशुओं का टीकाकरण भी किया जाता है।
शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने का है बेहतर व्यवस्था
डॉ. सिंह ने बताया, सरकार द्वारा प्रत्येक महीने गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच के लिए की गई यह व्यवस्था शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने का बेहतर व्यवस्था हैं। सरकार द्वारा की गई यह व्यवस्था मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में अच्छी पहल है। इससे ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा, बल्कि शिशु-मृत्यु दर पर विराम भी लगेगा। इसके साथ ही जच्चा-बच्चा दोनों को अनावश्यक परेशानियां का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने महिलाओं से अपील किया कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से संस्थागत प्रसव को लेकर किसी प्रकार की हिचकिचाहट नहीं रहें और सभी महिलाएं संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता दें।
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