-अभियान के पहले पांच दिनों में जिले के 11. 86 लाख लोगों से अधिक ने किया दवा का सेवन
-स्वच्छता और सतर्कता है सबसे बड़ा बचाव
बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय: फाइलेरिया एक गंभीर संक्रामक रोग है जिसमें संक्रमित व्यक्ति के शरीर का प्रभावित हिस्सा विकलांग हो सकता है। इसके उन्मूलन के लिए प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी 7 जुलाई से जिले में सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जा रहा है। इस संदर्भ में जिला गैर संचारी सह फाइलेरिया नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. राम कुमार प्रसाद ने बताया कि बरसात के दिनों में मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है।
जिसके कारण लोगों को मच्छर जनित रोग मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, जापानी इन्सेफेलाइटिस, जीका वायरस, चिकनगुनिया आदि का खतरा बढ़ जाता है। इन्हीं बीमारियों में से एक है लिंफेटिक फाइलेरियासिस या हाथीपाँव जो लोगों को दिव्यांग बना सकता है। रोग से ग्रस्त हो जाने पर इसका सम्पूर्ण इलाज संभव नहीं किन्तु संक्रमित व्यक्ति लगातार 5 सालों तक डीईसी और अल्बेण्डाजोल की एक –एक गोली बिना लापरवाही किए लें तो संक्रमण का फैलाव रुक जाता है । इन दवाओं से कोई नुकसान नहीं और यह सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर आसानी से और निःशुल्क उपलब्ध हैं। सर्वजन दवा सेवन अभियान के अंतर्गत भी जिला स्वास्थ्य समिति ने यह सुनिश्चित किया है कि फ़ाइलेरिया पर नियंत्रण पाया जा सके।
पांच दिनों में 11 लाख 86 हजार से अधिक लोगों ने किया दवा सेवन
जिला फाइलेरिया नियंत्रण विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के पहले पाँच दिनों के अभियान के अंतर्गत 12 जुलाई तक समुदाय के 11 लाख 86हजार 50 लोगों को डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई गयी हैं। विदित हो की 14 दिवसीय अभियान के दौरान 33 लाख 64 हजार 922 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। जिसके लिए 89 लाख 3000 डीईसी एवं 35 लाख 70 हजार अल्बेंडाजोल की गोलियों का वितरण होगा। अभियान के सफल आयोजन के लिए 1470 दो सदस्यीय टीम का गठन हुआ है ।
दवा खाते समय ध्यान देने योग्य बातें
जिला फाइलेरिया इंस्पेक्टर रामानन्द ने फाइलेरिया की दवा को लेकर इन बातों का ध्यान रखने की सलाह दी है-
-खुराक खिलाने के लिए तीन आयुवर्ग निर्धारित किया गया है। इसमें 2 से 5 वर्ष के बच्चों के लिए 1 अल्बेंडाजोल एवं 1 डीईसी की खुराक देनी है। 6 वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों को 1 अल्बेंडाजोल एव 2 डीईसी तथा 15 वर्ष के ऊपर वाले लोगों को 1 अल्बेंडाजोल एवं 3 डीईसी की दवा खिलाई जाएगी।
-दवा खाने से पहले व्यक्ति खाली पेट नहीं रहे और दवा को चबा कर खाना है तथा 2 वर्ष से नीचे के शिशु और गर्भवती महिलाओं को यह दवा नहीं खानी है।
सतर्कता और स्वछता बरतें मिलेगी राहत :
यह रोग क्यूलेक्स मच्छर से होता है जो गंदगी में पनपते हैं। जिसके लक्षण दिखने में सालों लग जाते हैं। इसलिए यदि फालेरिया से बचना है तो अपने व्यक्तिगत साफ-सफाई पर खास ध्यान दें, रात को सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें एवं अपने घर व आसपास में गंदा पानी गंदगी या कूड़ा जमा ना होने दें।
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