बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय: योग मुख्य रूप से एक आध्यात्मिक अनुशासन है। जिसमें जीवन शैली का प्रसार आत्मसात किया गया है। योग एक कला के साथ-साथ एक विज्ञान भी है। यह एक विज्ञान है क्योंकि यह शरीर और मन को नियंत्रित करने के लिए व्यावहारिक तरीके प्रदान करता है। जिससे यह ध्यान संभव है। उक्त बातें शहर के ब्रिलियंट कान्वेंट के निदेशक डॉ शशि भूषण कुमार ने कही।
मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर के भव्य सभागार में अंतर्राष्ट्रीय योग शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में विद्यालय के बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। विद्यालय के योग शिक्षक पवन कुमार एवं रंजय सिंह ने बच्चों को योग करवा कर उसे अपने प्रातः कालीन दिनचर्या में करने की सलाह दी। जिससे उनके पढ़ाई के प्रति एकाग्र चित्त का सजग हो सके। उन्होंने कहा कि आज योग विज्ञान संगत है।
आज की आधुनिक मेडिकल साइंस में भी योग के महत्व को स्वीकार कर चुका है। योग क्रिया में मस्तिष्क को तनाव रहित या शांत रखने में मेडिटेशन की प्रमुख भूमिका है। इसलिए योग निस्संदेह समग्र मानवता के स्वास्थ्य के संदर्भ में विश्व के मानव जाति के लिए भारत की सबसे बड़ी देन है। इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक डॉ धनंजय कुमार ने कहा कि योग करने से शारीरिक थकान के साथ-साथ मानसिक तनाव भी दूर होता है। यह योग मन मस्तिष्क शरीर को तंदुरुस्त रखने में एक सशक्त माध्यम बना है।
2022 का योग का थीम है मानवता के लिए योग विद्यालय के चेयरमैन डॉ शशि भूषण कुमार ने कहा कि अपने योगिक जीवनशैली को गन बनाएं और योग को स्वास्थ्य वर्धक एवं कल्याणकारी जीवन शैली के रूप में अपनाएं। हमारी जीवन शैली में हमारी आदतें दृष्टिकोण सजगता, विचार, भावनाएं, कर्म- व्यवहार संबंध, नौकरी व्यवसाय, नैतिक मूल्य, आहार व्यायाम और निद्रा यह सभी शामिल हैं । दूसरे शब्दों में कहें तो हम दिन भर में जो कुछ सोचते हैं और करते हैं वह हमारी जीवन शैली का अंग है।
योगिक जीवन शैली का उद्देश्य नकारात्मक और हानिकारक आदतों को सकारात्मक मंगलकारी आदतों में बदलना है, जो हमें शारीरिक स्वास्थ्य मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन प्राप्त करने में मदद करती है तथा जीवन में सकारात्मक और रचनात्मक संस्कृति का विकास करती है। विद्यालय के सभी शिक्षक गण इस योग कार्यशाला में उपस्थित रहे। जिसमें विजय कुमार, राज किशोर कुमार ,नीतीश कुमार पाठक, राज किशोर सिंह, अंकिता , मैडम, शशि स्मिता, रिंकू मैडम नाजिया मैडम मिलन मैम सृष्टि मैम तथा अन्य कई शिक्षक इस योग कार्यशाला को और भी मुखर रूप समाज को दिया।