- कार्यालय में घर रहने वाले कर्मियों एवं पदाधिकारियों को नहीं होता है सकान, घर बैठे हो जाती है थकान
- मामला ग्रामीण कार्य विभाग प्रमंडल नरकटियागंज का बताया गया है
अवधेश कुमार शर्मा, बेतिया : पुरानी कहावत है, 1 दिन कचहरी 9 दिन मकान, यह आराम तलबी का है दूसरा नाम। ग्रामीण कार्य विभाग के कर्मी एवं पदाधिकारियों को कार्यालय आने में नहीं होता है सकान, कार्यालय आने में हो जाती है थकान।महिना के अंतिम दिन आते हैं दीवान। उपर्युक्त मामला नरकटियागंज ग्रामीण कार्य प्रमंडल का बताया गया है। चौंकिए नहीं, यहां तो पंजीकृत पदाधिकारी से कर्मी 2 दर्जन से अधिक हैं, लेकिन कार्यालय में मिलेंगे आधा दर्जन भी नहीं, जबकि इसमें कुछ ऐसे कर्मी है, जिनका कार्य क्षेत्र में नही, केवल कार्यालय में ही है। फिर भी वे कार्यालय में नहीं आते हैं, क्षेत्र के प्रबुद्धजनों की माने तो कुछ कर्मी 25 तारीख से 30 तारीख के बीच में कभी कभार आते हैं।
उपस्थिति बना लेते हैं। उसी उपस्थिति के आधार पर वेतन पाते हैं, कुछ ऐसे भी कर्मी है जो घर पर बैठकर ऑनलाइन काम करते हैं। इतना ही नहीं जानकार बताते हैं कि यहां पर नाम के 3 कर्मी (लिपिक) पदस्थापित है, जबकि प्रभार आवंटन लिस्ट किसी को नहीं है। बताया जाता है कि यहां पर पूर्व में पदस्थापित लिपिक का स्थानांतरित अन्यत्र हो गया है। अलबत्ता वह कार्यपालक अभियंता के आवास पर कार्य करते रहते हैं। इसका जीता जागता उदाहरण कार्यालय के प्रभार आवंटन से या अभिलेख में हस्त लेखन के बिल से मिलान किया जा सकता है। जानकार बताते हैं कि बगहा प्रमंडल के सेवानिवृत्त लिपिक से अभिलेख संधारण कराया जाता है।
आखिर सेवानिवृत्त लेखा लिपिक किस अधिकार से किस लाभवश काम करते हैं। यह गंभीर जांच का विषय है। इतना ही नहीं बताया जाता है कि नरकटियागंज प्रमंडल का कार्यालय बेतिया में एक पथ निर्माण के कार्यपालक अभियंता के आवास में कार्यालय चलता है। उनका आवास बेतिया स्टेशन चौक के पूरब लगभग दो सौ गज आसपास में बताया गया है। इस संदर्भ में कार्यालय कर्मियों से पूछने पर सभी कर्मी परहेज करते दिखते, हैं, कोई कुछ भी जानकारी नहीं देता है।
ज्ञात हो कि सोमवार को समाचार संकलन के दौरान ग्रामीण कार्य विभाग नरकटियागंज प्रमंडल कार्यालय में कुछ ही लोग कार्यालय में दिखे, जिनमें वरीय लिपिक कमरुल्लाह अंसारी एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी में सच्चिदानंद, फैयाज आलम, अखिलेश मिश्र, संदीप कुमार, बलिराम ठाकुर, अर्जुन ही कार्यालय में दिखे। शेष सब लोग घर से ही कार्यालय संचालित कर रहे हैं। इतना ही नहीं इस संदर्भ में अकाउंट मैनेजर मुन्ना कुमार राय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ऑडिट के सिलसिले से बाहर निकले हुए हैं। इस संदर्भ में कार्यपालक अभियंता को संपर्क करने पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया। इसलिए उनका पक्ष प्राप्त नहीं हो सका। वही अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।