अवधेश कुमार शर्मा, बेतिया : पश्चिम चम्पारण जिला के बेतिया में अब सेव के बाग होंगे। कश्मीर में सेव की लहलाहते बागों ने हमेशा ही सैलानियों का ध्यान अपनी ओर खिंचा है। अब वह दिन दूर नहीं जब चम्पारण के एप्पल मैन शांभवी बायोटेक क़े निदेशक़ रविकांत पाण्डेय क़े अथक प्रयासों से हमारे जिला बेतिया में तपती धूप और ‘लु’ क़े थपेड़ों क़े बीच सेब क़े बाग लहलहाने लगेंगे। दिनांक 18 नवंबर 2023 को कॉलेज ग्राउंड में आयोजित किसान मेला में कृषि विभाग क़े वैज्ञानिक डॉ अजय कुमार ने सेव क़े पौधे खरीदते हुए ऐसा कहा।
जिला कृषि पदाधिकारी एवं जिला क़े कई गणमान्य पदाधिकारियों ने शांभवी बायोटेक्स न केवल सेव क़े पौधे ख़रीदे बल्कि कंपनी के इस प्रयास को सफल बताते हुए कहा कि महामानव हरिमन शर्मा ने सेव क़े ऐसे प्रभेद का ईजाद कर दिया है, जो 50 डिग्री सेल्सियस तक लू क़े गर्म थपेड़ों क़े बीच आराम से सेव की अच्छी उपज दे सकता है। शांभवी बायोटेक क़े निदेशक़ रविकांत पाण्डेय ने बताया कि हमारे जलवायु में होने वाला सेव का पौधा कश्मीर क़े सेव से तीन महीना पहले ही पक कर तैयार हो जाएगा।
सेव का पौधा जाड़े भर सोया रहता है, गर्मी आने क़े बाद इसका विकास और फूल फल आने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। जाहिर है, कश्मीर में जाड़े का मौसम 3 महीने बाद तक बना रहता है। वहां फूल फल आना मई में प्रारम्भ होता है, जबकि बिहार मे फूल फल फरवरी में आना प्रारम्भ हो जाता है। 3 महीने पहले ही बाजार में उपलब्ध होने से गरम क्षेत्र में होने वाला सेव 150 रुपये किलो तक बेंच जाता है, जिससे किसानों की अच्छी कमाई हो जाती है। हजारों किसानो ने सेव के पौधे ख़रीदे एवं जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
ऐसे आयोजनों और किसानों क़े उचित मार्गदर्शन क़े लिए हमारे जिला के कलेक्टर कुंदन कुमार का शांभवी बायोटेक ने हृदय से आभार व्यक्त किया। रविकांत पाण्डेय ने कहा कि किसानों को अगर अच्छे दिन का सपना पूरा करना है तो परंपरागत खेती छोड़कर आधुनिक खेती करनी ही होगी।
कई किसान अपने जिला में पपीता की खेती कर 1 एकड़ ज़मीन से ₹10,00,000 तक वार्षिक आमदनी कर रहे हैं जो परंपरागत धान, गेहूं और गन्ने की खेती से कभी भी संभव नहीं है। अंततः उन्होंने मीडिया क़े माध्यम से किसानों से अपील किया की वे 12 मासी कटहल, रेड लेडी पपीता, जी नाइन केला, एचआरएन 99 सेव की खेती कर खुशहाल हो एवं हमारे राज्य बिहार को खुशहाल बनाएं।