आशा कार्यकर्ताओं को मिला टीबी जागरूकता प्रशिक्षण

बेतिया

-निक्षय मित्र बन टीबी उन्मूलन अभियान में आम जन भी निभा सकते हैं अहम भूमिका

बेतिया/प्रतिनिधि। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, रामनगर के सभागार में कर्नाटक हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट के सहयोग से आशा कार्यकताओं को  एक दिवसीय टीबी जागरूकता प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में केएचपीटी की जिला लीड मेनका सिंह ने बताया कि अगर किसी भी व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, बुखार, वजन में कमी, बलगम में खून आना, भूख नहीं  लगने की शिकायत हो तो उन्हें तुरंत नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर लाकर जांच कराना चाहिए, यह सब टीबी के लक्षण हैं । प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है। यह जानलेवा भी है, लेकिन सही समय पर जांच एवं नियमित दवा के सेवन से मरीज टीबी बीमारी से पूरी तरह ठीक होकर सामान्य जीवन यापन कर सकते हैं।

टीबी विभाग के एसटीएलएस उपेंद्र वर्मा ने बताया कि टीबी मरीज को निक्षय पोषण सहायता योजना के तहत पांच सौ रुपये की राशि मरीज को दवा सेवन के दौरान दी जाती है। लैब तकनीशियन नसिमुलाह करीमी ने बताया कि सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की जांच और  इलाज निःशुल्क की जाती है। केएचपीटी के सामुदायिक समन्यवक जितेंद्र कुमार ने कहा कि सामुदायिक जागरूकता से ही टीबी बीमारी को समाप्त किया जा सकता है। प्रशिक्षण में दर्जनों आशा कार्यकर्ता शामिल थीं।

बैठक के दौरान स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ मोहम्मद काजिम ने बताया कि टीबी से ग्रसित मरीजों के लिए सामान्य नागरिक, गैर सरकारी संस्थान, जनप्रतिनिधि सहित अन्य लोगों को निक्षय मित्र बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। निक्षय मित्र बन कर टीबी मरीजों को सहायता करने के लिए स्वास्थ्य विभाग लोगों से अपील कर रहा है। निक्षय मित्र टीबी मरीजों को पोषण के साथ साथ रोजगार के लिए अवसर उपलब्ध करा सकते हैं। मेनका सिंह ने बताया कि निक्षय मित्र बनने के लिए अपने जिला यक्ष्मा केंद से संपर्क किया जा सकता है।

निक्षय मित्र बनने के लिए communitysupport.nikshay.in पर लॉगिन कर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान पर क्लिक करें।  निक्षय मित्र रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर क्लिक कर अपनी पूरी जानकारी देकर इस अभियान से जुड़ा जा सकता है। इसके अलावा इस निक्षय मित्र हेल्पलाइन नंबर 1800116666 पर कॉल करके विस्तृत जानकारी ली जा सकती है। निक्षय मित्र बनने के लिए टीबी से ग्रसित मरीजों की सहमति लेकर पोषण के लिए उन्हें सहायता उपलब्ध करानी होगी।