Awadhesh Kumar Sharma: राहत सह बचत योजना 2022-2023 पूरे राज्य में संचालित है। इस योजना के मुख्य बिंदू है कि राज्य में प्रवाहित नदियों में 15 जून से लेकर 15 अगस्त तक मत्स्य शिकार माही प्रतिबंधित रहती है। जिससे नदियों में मछली का प्रजनन हो सके। उपर्युक्त जानकारी गणेश राम जिला मत्स्य पदाधिकारी ने देते हुए बताया कि नदियों में अधिक संख्या में मछलियों की उपलब्धता बनी रहे। इसके लिए मत्स्य कृषक या मछुआरा जिनका जीवन नदियों में मत्स्य शिकार माही पर ही निर्भर है। उनके लिए सरकार ने राहत सह बचत योजना लाई गई है।
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श्री राम ने बताया कि इस योजना अंतर्गत नदी के किनारे रहने वाले मछुआ, जिनका जीवन मत्स्य शिकार माही पर आधारित है। 5 – 5 सौ रुपए प्रतिमाह की दर से निर्धारित खाते में जमा करेंगे, बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार उतनी ही राशि उनके खाते में जमा करेंगी। कुल मिलाकर 3 महीने के बाद लाभार्थी को ₹1हजार 5 सौ रुपए सहायता के रूप में दिया जाएगा।
इस योजना अंतर्गत जिला के वैसे सभी व्यक्ति लाभ ले सकते हैं, जो जो नदियों के किनारे रहते हैं एवं उनकी जीविका उसी पर आधारित है। अब तक जिला में 150 मछुआरों ने ऑनलाइन आवेदन किया हैं। लोगों से अपील है कि अधिक से अधिक संख्या में इस योजना के लिए आवेदन विभागीय पोर्टल fisheries.bihar.gov.in पर कर, योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए इसके लिए मत्स्य विकास पदाधिकारी एवं मत्स्य प्रसार पदाधिकारी के संबंधित प्रखंड में लगातार जागृति अभियान संचालित करने हैं।
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