जन सुराज को राजनीतिक दल बनाने पर बनी सहमति
पीके ने संबोधित करते हुए कहा कि लालू को परिवार की और नीतीश को कुर्सी की, भाजपा को बिहार की कोई चिंता नहीं, जागो बिहार
अवधेश कुमार शर्मा
Bettiah: जन सुराज के पदयात्रा जिला अधिवेशन बेतिया में संपन्न हुआ। प्रशांत किशोर ने जन सुराज संवाद पदयात्रा के पश्चिम चम्पारण जिला अधिवेशन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बिहार की राजनीति पर विस्तार पूर्वक लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा। बिहार में जनहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण समस्याओं पर चर्चा किया। प्रशांत किशोर ने कहा कि उनके जीवन में जो कुछ पास है, बिहार में नई व्यवस्था बनाने के लिए सब कुछ दांव पर लगाया दिया है। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि लालू को परिवार की चिंता और नीतीश को कुर्सी की, भाजपा को 2015 का चुनाव हारने के बाद बिहार की कोई चिंता नहीं है। बिहार की जनता पर कटाक्ष करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की राजनीति को मोतियाबीन नही, मोदीयाबीन हो गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनना उनका सपना नहीं, सपना है कि अपने जीवनकाल में बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा देखें। अपने संबोधन में उन्होंने मीडिया और धर्म को आड़े हाथों लिया।
जन सुराज संवाद पदयात्रा का पहला अधिवेशन पूर्ण हो गया। उसकी विसंगतियों से पीके ने कुछ सीखा, उसे दूसरे जिला में, विसंगतियों की पुनरावृत्ति नहीं हो इसका प्रयास करेंगे। पदयात्रा से जुड़े लोग मिलकर तय कर चुके हैं कि दल बनाया जाना चाहिए। जन सुराज पदयात्रा अभियान के पहला अधिवेशन में लोकतांत्रिक विधि से संपन्न हुआ। पहली वोटिंग होगी, जो लोग जनसुराज पदयात्रा से जुड़े हैं, उन सभी को जिला मुख्यालय में बुलाया गया है। रविवार को सभी सदस्यों से यह पूछा गया कि जन सुराज को दल में परिवर्तित किया जाना चाहिए या नहीं। तो बहुमत दल बनाने के पक्ष में रहा। जन सुराज पदयात्रा के 42वें दिन, जिला अधिवेशन की पूर्व संध्या पर प्रशांत किशोर ने बेतिया स्थित महारानी जानकी कुंवर कॉलेज पदयात्रा शिविर में मीडिया से वार्ता किया। पश्चिम चम्पारण में प्रशांत किशोर पदयात्रा के माध्यम से अबतक 500 किमी से अधिक चलकर 300 से अधिक गांवों की स्थिति से अवगत हो चुके हैं। प्रशांत किशोर ने बताया कि इन पूरे 42 दिन में 1 दिन भी गाड़ी पर नहीं बैठे हैं। जितनी ईमानदारी और शुद्धता से पदयात्रा कर सकते हैं, उससे अधिक करने का प्रयास कर रहे हैं।
इससे परिणाम जो निकलें और समाज पर कितना असर पड़ेगा, यह देखना है। वे पदयात्रा में चलने के लिए तैयार है, सभी बाते आमजन के साथ होंगी। हम कल केवल पश्चिमी चंपारण की जनता से उनके सुझाव लेंगे, ऐसी प्रक्रिया हम पदयात्रा करते हुए सभी जिलों में करेंगे। जब लगभग आधे से ज्यादा राज्य पूरे हो जाएंगे और जब यह सुनिश्चित हो जाएगा की एक बड़ी संख्या में लोग विकल्प चाहते हैं, तब उन सब को राज्य स्तर पर बिठाया जाएगा और यह तय किया जाएगा कि दल बनना है या नहीं। अगर जनसुराज की परिकल्पना भविष्य में दल में परिवर्तित होती है तो 10 प्रतिशत टिकट, पंचायती राज से जुड़े हुए लोगों को निश्चित तौर पर दिया जाएगा। प्रशांत किशोर ने विकसित बिहार को लेकर प्राथमिकता साझा किया।
उन्होंने कहा कि उनका प्रयास होगा कि देश के 10 अग्रणी राज्यों में बिहार में शामिल हो। विकास के अधिकांश मानकों पर बिहार अभी 27 वें या 28 वें स्थान पर है। 50 के दशक में बिहार की गिनती देश के अग्रणी राज्यों में थी। उन्होंने कहा कि बिहार के प्रत्येक पंचायत, गांव और नगर क्षेत्र के स्तर पर योजना बनाई जाए। जिससे प्रत्येक 10 वर्ष में पंचायत कैसा दिखेगा साढ़े 8 हजार ग्राम पंचायत और 2 हजार नगर पंचायत की विकास की योजनाओं का तैयार कर रहे हैं। प्रत्येक पंचायत की समस्याओं का संकलन कर उसका विकास किया जाएग। देश के अग्रणी प्रदेश के मानदंडों पर खरा उतारना बिहार को, जिससे बिहार अग्रणी राज्य की श्रेणी में लाया जा सके।