Awadhesh Kumar Sharma: पैरालैसिस स्ट्रोक (लकवा) से बचाव के प्रति जागरूक करने को लेकर मेराज हास्पिटल से रवाना जागरूकता वाहन सूबे के विभिन्न जिलों में पहुंच गये हैं। विशेषज्ञों द्वारा तैयार और विशेष रूप से डिज़ाइन इन वाहनों में उपलब्ध पोस्टर, ब्रोशर और ऑडियो-वीडियो सामग्री के माध्यम से आम लोगों को स्ट्रोक की पहचान, उससे बचाव व इलाज को लेकर शिक्षित किया जा रहा है। हॉस्पिटल के डायरेक्टर व चीफ कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ जेड आजाद और न्यूरो सर्जन डॉ जफर कमाल अंजुम ने बताया कि जागरूकता वाहनों को आम जनता का काफी पॉजिटिव रिस्पांस मिल रहा है।
इसके माध्यम से लोगों को बताया जा रहा है कि न्यूरो इमरजेंसी स्ट्रोक (लकवा) का इलाज संभव है. अगर मरीज को गोल्डन आवर्स (पहले 4.5 घंटे) के अंदर नजदीकी अस्पताल या स्ट्रोक सेंटर पहुंचाया जाये तो अत्यावश्यक मस्तिष्क कोशिकाओं के स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त से होने वाली मृत्यु या आजीवन विकलांगता से बचाया जा सकता है।
हमारे इस अभियान का उद्देश्य स्ट्रोक जैसी भयावह बीमारी से हो रही मौत एवं विकलांगता को रोकने के साथ ही प्रारंभिक चरण में उसकी पहचान कर समय पर इलाज व जीवनशैली में सुधार कर इस बीमारी को बढ़ने से रोकना है। धूम्रपान से बचाव तथा ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और हाइ कॉलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण कर इसे रोका जा सकता है।