अवधेश कुमार शर्मा/बेतिया : पत्रकार मीडियाकर्मी, नागरिक पर बम-मिसाइल हमला को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ने जेनेवा कंवेंशन व अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन बताया है।
सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ने फिलिस्तीन एवं इजरायल युद्ध में शहीद पत्रकारों मीडियाकर्मियों एवं नागरिकों के सम्मान में विश्व शांति सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन बेतिया में किया। जिसमें सभी पंथ के लोग शामिल हुए।
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद, अधिवक्ता डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल, चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया, वरिष्ठ पत्रकार सह राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय ऑल मीडिया पत्रकार संघ डॉ अमानुल हक, डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्ततः श्रद्धांजलि अर्पित किया।
उन्होंने कहा कि इजराइल एवं फिलिस्तीन की जंग में अब तक 6 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं। उनमें 22 पत्रकार एवं मीडियाकर्मी भी शामिल बताए गए हैं। पत्रकार, मीडियाकर्मी एवं आम नागरिकों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करें, संयुक्त राष्ट्र संघ एवं विश्व बिरादरी। पत्रकारों, मीडियाकर्मियों पर हमला विश्व में लोकतंत्र पर हमला है। आमजनों पर बम एवं मिसाइल से हमला जेनेवा कन्वेंशन एवं अंतर्राष्ट्रीय कानूनो का घोर उल्लंघन है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव अंतोनियो गुटरेस ने इस पर चिंता व्यक्त किया है। सभ्य समाज में युद्ध एवं हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। बड़े पैमाने पर हमला के बाद से कम से कम 22 पत्रकार शहीद हुए हैं। दोनो देश के जंग में मारे गए, घायल, हिरासत में लिए गए या लापता पत्रकारों की सभी रिपोर्टों की जांच कर रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि 22 पत्रकारों में से 18 फ़िलिस्तीनी, तीन इज़रायली एवं एक लेबनानी बताए गए हैं, जबकि आठ पत्रकार घायल भी हैं। तीन अन्य पत्रकार के कथित तौर पर लापता या हिरासत में लिए जाने की ख़बर हैं।
वरिष्ठ पत्रकार डॉ अमानुल हक हक ने कहा कि वह अन्य पत्रकारों के मारे जाने, लापता होने, हिरासत में लेने, चोट पहुंचाने या धमकाने और मीडिया कार्यालयों और पत्रकारों के घरों को नुकसान पहुंचाने की कई अपुष्ट रिपोर्टों की जांच कर रहे है।
विभिन्न मीडिया संगठनों ने संयुक्ततः कहा कि संकट के समय पत्रकार एवं मीडियाकर्मी महत्वपूर्ण काम करने वाले नागरिक हैं। उन्हें युद्धरत देश निशाना नहीं बनाएं। इस संघर्ष को कवर करने के लिए पूरे इलाके के पत्रकार बलिदान दे रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व बिरादरी एवं सभी पक्षों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।