अवधेश कुमार शर्मा, बेतिया। पश्चिम चम्पारण जिला अंतर्गत बेतियाडीह पंचायत में धुरवाँ मठ के प्रांगण में भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच ने विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया। विद्वानों तथा हिंदू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष बैशाख माह शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि पर भगवान परशुराम का जन्मोत्सव व मनाया जाता है।
भगवान राम से परशुराम का नाम कैसे पड़ा? ऐसी मान्यता है कि भगवान परशुराम के माता-पिता बचपन में ही उनका नाम राम रखा, लेकिन वह भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त रहे, उनके भक्ति को देखकर भगवान शिव ने उनको कई सारे शस्त्र दिए जिसमें एक फरसा भी था। फरसा को परशु भी कहते हैं।
इसी कारण से उनका नाम राम से परशुराम पड़ा। इस कार्यक्रम में पहुंचे सभी अतिथियों को स्वागत करते हुए जिला प्रवक्ता नवीन राय ने कहा कि भगवान परशुराम के जन्मोत्सव पर केंद्र व राज्य सरकार अवकाश घोषित करना चाहिए। भगवान परशुराम सभी के अराध्य देव हैं। हमलोगों को इनके पदचिन्हों पर चलना चाहिए।
इस कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि विनय शाही, विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक प्रकाश राय, गणमान्य लोगों मे भारत भूषण दूबे, जगमोहन राय, संजय राय उर्फ अमरेन्द्र राय, लोकेश शाही, सुधाकर उपाध्याय, कन्हैया पाण्डेय, विपिन पाण्डेय, सतेन्द्र पाण्डेय, विपिन राय, बाबु साहेब ओझा, राजेश तिवारी, राकेश बिहारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय संयोजक सह अध्यक्ष संजय कुमार मिश्र उर्फ बब्लू मिश्र ने की।
कार्यक्रम में विषय प्रवेश जिलाध्यक्ष शाही ने कराया, नवीन राय ने आगत अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र और माला पहनाकर किया। सम्मानित करने मे कोषाध्यक्ष विनय ठाकुर व प्रदेश सचिव संजय ठाकुर एवं धन्यवाद ज्ञापन संजय राय उर्फ अमरेंद्र राय ने किया। उधर चनपटिया प्रखण्ड के जोगिया टोला तुरहापट्टी भगवान परशुराम जन्म उत्सव सह पुजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उपर्युक्त कार्यक्रम जोगिया टोला स्थित दुर्गा मंदिर प्रांगण में किया गया। इस अवसर पर आयुष तिवारी, अशोक तिवारी, अनीष तिवारी, मनीष तिवारी, अभिलेष तिवारी, अतुल पंडित, चन्दन कुमार, गोविंदा तिवारी उपस्थित रहे। ब्राह्मण समाज की संस्कृति और सभ्यता कैसे बचाया जाए, इस पर सभी कोई अपना विचार व्यक्त किया।