बिहार सरकार के सात निश्चय खंड 01 एवं 02 अत्यंत महत्वपूर्ण, तत्परतापूर्वक क्रियान्वयन सुनिश्चित करें : दिनेश कुमार राय

बेतिया
  • प्राथमिकता के आधार पर हर खेत तक सिंचाई योजना का क्रियान्वयन कराने का निर्देश
  • डीएम ने सात निश्चय खण्ड 01 एवं 02, जल-जीवन-हरियाली अभियान से सम्बंधित कार्य प्रगति की समीक्षा सम्पन्न

अवधेश कुमार शर्मा, बेतिया। पश्चिम चम्पारण जिला पदाधिकारी दिनेश कुमार राय ने कहा कि सात निश्चय खंड-01 एवं खंड-02, जल-जीवन-हरियाली अभियान महत्वपूर्ण हैं। इसके क्रियान्वयन में सम्बंधित पदाधिकारी तत्परता दिखायें। क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही, कोताही होने पर सम्बंधित पदाधिकारी एवं कर्मी के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी। जिला पदाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित समीक्षात्मक बैठक में पदाधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने क्रमवार हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली-नालियां, शौचालय निर्माण, बिहार स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रम से सम्बंधित कार्य प्रगति की समीक्षा किया।

उन्होंने ने निर्देश दिया कि हर घर नल का जल योजना अंतर्गत जिन स्थलों पर किन्ही कारणों से ननफंक्शनल योजनाओं को तुरंत ठीक कराते हुए फंक्शनल कराया जाय। उन्होंने निर्देश दिया कि इस योजना अंतर्गत लाभुकों को हर हाल में पेयजल उपलब्ध कराया जाना है, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। घर तक पक्की गली-नालियां योजना अंतर्गत अपूर्ण योजनाओं को त्वरित गति से पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिया कि योजनाओं के क्रियान्वयन में विभागीय दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। प्राक्कलन के अनुरूप गुणवतापूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन होना चाहिए। गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर तुरंत जांच करायी जायेगी और दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

हर खेत तक सिंचाई योजना की समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने कहा कि यह सरकार की अत्यंत ही महत्वाकांक्षी योजना है। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए किसानों को लाभान्वित किया जाय। उत्कृष्ट रुप से योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें, जिससे यह एक मॉडल के रूप में सामने आए।जल-जीवन-हरियाली अभियान की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिला में 439 सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं यथा-तालाबों, पोखरों, आहरों, पईनों को चिन्हित करते हुए अतिक्रमणमुक्त करा लिया गया है। 1080 तालाबों, पोखरों, आहरों एवं पईनों का जीर्णोद्धार कराया गया है।

1032 सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्वार सहित 1778 सार्वजनिक कुओं, चापाकलों, नलकूपों के किनारे सोख्ता रिचार्ज, अन्य जल संचयन संरचनाओं का निर्माण कराया गया है। छोटी-छोटी नदियों/नालों में एवं पहाड़ी क्षेत्रों के चेक डैम एवं जल संचयन के अन्य संरचनाओं के निर्माण के तहत 85 कार्यों को पूर्ण करा लिया गया है। नये जल स्रोतों का सृजन एवं अधिशेष नदी जल क्षेत्र से जल की कमी वाले 532 क्षेत्रों में जल ले जाया गया है। 364 भवनों की छतों पर वर्षा जल संचयन संरचना का निर्माण कराया गया है। इसके साथ ही पौधशाला सृजन एवं सघन वृक्षारोपण के तहत कार्य किए जा रहे हैं। वैकल्पिक फसलों, टपकन सिंचाई, जैविक खेती एवं अन्य नयी तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है तथा किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहन एवं ऊर्जा की बचत के लिए भी कार्य किया जा रहा है।जिला पदाधिकारी ने कहा कि जल- जीवन- हरियाली अभियान अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। जल और हरियाली के बिना जीवन की कल्पना करना बेमानी है। जलवायु परिवर्तन के संकट से निपटने के लिए यह कारगर साबित हो रहा है। जल-जीवन-हरियाली अंतर्गत जिला को मिले लक्ष्य को निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर लें। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त अनील कुमार, जिला पंचायत राज पदाधिकारी मनीष कुमार, वरीय उप समाहर्ता राजकुमार सिन्हा, जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीन प्रणव, विशेष कार्य पदाधिकारी सुजीत कुमार सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।