Befoteprint ,Brahmanand Thakur : लालच में बेतिया निवासी दंपती ने अंडा फैक्ट्री मालिक महाशंकर पाठक की हत्या,कर रुपए लेकर फरार हो गया।घटना सुपौल जिले के राघोपुर थाना क्षेत्र के राधानगर स्थित सागर ईंट भट्ठा चिमनी के समीप की है।
राघोपुर थाना क्षेत्र के राधानगर स्थित सागर ईंट भट्ठा चिमनी के समीप शनिवार की सुबह बेतिया के रहने वाले स्टाफ दंपती ने फैक्ट्री के मालिक हुलास पंचायत निवासी महाशंकर पाठक को बेलचा, लाठी-डंडा से मार कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। इलाज के लिए ले जाने के क्रम में उनकी मौत हो गई।महाशंकर मूल रूप से वरिष्ठ पत्रकार थे।उन्होंने एक चैनल में काफी समय तक काम करने के बाद प्रिंट मीडिया में प्रवेश किया था।वे पटना से प्रकाशित हिंदी मासिक पत्रिका लोक प्रसंग में बतौर कार्यकारी संपादक रह चुके थे। बाद में उन्होंने अपने सम्पादन में पटना से ही मासिक आर्यावर्त प्रसंग का प्रकाशन शुरू किया।
इसी के साथ साथ उन्होने अपने पैतृक गांव में पोल्ट्री व्यवसाय भी शुरू किया।घटना कल देर रात की बताई जा रही है। घटना के बाद स्टाफ दंपती ने जख्मी हालत में मालिक को फैक्ट्री के कार्यालय में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया और फरार हो गए। घटना की जानकारी लोगों को तब हुई, जब फैक्ट्री के स्थानीय अन्य स्टाफ रामू सदा फैक्ट्री पर पंहुचा। उसने जानकारी देते हुए बताया कि फैक्ट्री पर वह दिन भर काम करता है और रात में अपने घर चला जाता है। फैक्ट्री में परमानेंट स्टाफ के रूप में बेतिया का रहने वाला गुड्डू और सविता दोनों पति-पत्नी थे। वहीं, दोनों फैक्ट्री की पूरी तरह दिन-रात देखभाल करते थे।
आज सुबह करीब 9 बजे वह फैक्ट्री पंहुचा तो वहां कोई मौजूद नहीं था। जबकि उसे पता चला था कि सुबह ही नरपतगंज से व्यापारी अंडा लेने के लिए पहुंचा था और फैक्ट्री मालिक महाशंकर पाठक भी आए थे। क्योंकि उनका घर फैक्ट्री से पहले आता है और वहीं फैक्ट्री तक आने-जाने का रास्ता भी है। फैक्ट्री पर पहुंचने के बाद जब उसे कोई नहीं दिखा तो उसने आसपास में पता किया। जिसमें अगल-बगल के लोगों ने बताया कि बेतिया का रहने वाला स्टाफ दोनों पति-पत्नी बैग लेकर चला गए लेकिन मालिक फैक्ट्री पर ही हैं।
दूसरे स्टाफ के पहुंचने तक जीवित थे महाशंकर
रामू सादा फैक्ट्री पंहुचा तो देखा कि कार्यालय में ताला लगा हुआ है। इसी क्रम में उसकी नजर कार्यालय के बाहर खून के निशान पर पड़ी। जिसके बाद रामू ने सीढ़ी से चढ़कर कार्यालय के अंदर रोशनदान से देखा तो उसके होश उड़ गए। उसने देखा कि अंदर मालिक खून से लथपथ कार्यालय की जमीन पर कराह रहा है। इसकी सूचना रामू ने आसपास के लोगों को दी। उसके बाद लोगों ने वहां पहुंचकर कमरे का ताला तोड़कर कार्यालय से मालिक महाशंकर पाठक को निकालकर राघोपुर रेफरल अस्पताल पहुंचाया।
इसी क्रम में रामू सदा ने फैक्ट्री मालिक के छोटे भाई आशुतोष पाठक को भी घटना की जानकारी दी। उधर, अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों ने जख्मी महाशंकर पाठक की नाजुक स्थिति को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए अन्यत्र रेफर कर दिया। जिसके बाद परिजन उन्हें बेहतर इलाज के लिए नेपाल के बिराटनगर ले जा रहे थे। जिस क्रम में रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। चिकित्सकों ने बताया कि उनके पूरे शरीर पर लाठी-डंडे से प्रहार किया गया था।
सुबह अाठ बजे के बाद वारदात को दिया अंजाम
फैक्ट्री मालिक के छोटे भाई आशुतोष पाठक ने बताया कि बेतिया निवासी गुड्डू मर्दानीया और सविता करीब ढाई माह से उनकी फैक्ट्री पर रहकर काम करते थे। वह एक एजेंट के माध्यम से उनके पास पंहुचा था। इस बीच में कभी-कभी उक्त मजदूर द्वारा अंडा चोरी कर बेचने की भी सूचना मिलती रहती थी। जिस कारण उनका बड़ा भाई उसे फटकार भी लगाया करते थे। लेकिन किसे पता था कि वह मजदूर चंद रुपयों के लालच में उनके भाई की हत्या कर देगा। घटना के बाद जब फैक्ट्री का जायजा लिया गया तो देखा गया कि वहां कार्यालय कक्ष में भारी मात्रा में जमीन पर खून फैला था।
स्टाफ रामू ने बताया कि अंडा लेने के लिए नरपतगंज से पहुंचे व्यापारी सुबह के 8 बजे तक अंडा लेकर चले गए थे। उसके बाद ही इस वारदात को अंजाम दिया गया होगा। वहीं, कार्यालय में रखे कागजात के अवलोकन से पता चला कि घटना से पहले अंडा लेने पहुंचे व्यापारी ने फैक्ट्री मालिक को 44 हजार 910 रुपए जमा किया था। जिस रुपए का कोई सुराग नहीं लगा। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि अंडा व्यापारी से प्राप्त रुपए के लालच में फैक्ट्री मालिक की हत्या कर स्टाफ दंपती फरार हो गया। हालांकि बेतिया निवासी स्टाफ जाते-जाते फैक्ट्री से अपने सारे कागजात भी लेकर गया है।
आरोपी का मोबाइल स्वीच ऑफ है आवेदन के आधार पर कार्रवाई होगी
आरोपी का मोबाइल साढ़े 9 बजे से ही स्वीच ऑफ बता रहा है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है। प्राप्त आवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई कि जाएगी।
–रजनीश केसरी, थानाध्यक्ष, राघोपु
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