मदर्स डे पर विचार गोष्ठी सह मातृशक्ति सम्मान समारोह सम्पन्न

बेतिया

अवधेश कुमार शर्मा, बेतिया : पश्चिम चम्पारण जिला मुख्यालय बेतिया में वर्क ऑर्गेनाइजेशन पश्चिम चम्पारण चैप्टर ने (मदर्स डे) मातृ दिवस पर विचार गोष्ठी सह मातृशक्ति सम्मान समारोह का आयोजन किया। उपर्युक्त आयोजन बेतिया नगर निगम अंतर्गत कालीबाग जोड़ा इनार स्थित राजकीय मध्य विद्यालय मे किया गया। जिसमें दर्जनों की संख्या में माता, बहने शामिल हुईं। वर्क ऑर्गेनाइजेशन अंतर्गत, उपर्युक्त कार्यक्रम को व्यापक बनाने के लिए, कार्यकर्ता सप्ताह भर से महिलाओं के बीच मातृ दिवस के कार्यक्रम में आने के लिए निमंत्रण दिया। जिससे मदर्स डे पर सर्वाधिक मातृशक्ति इस विचार गोष्ठी में शामिल हो सके।

वर्तमान परिवेश में मातृ दिवस के औचित्य को समझें, मदर्स डे मनाने की आवश्यकता क्यों पड रही है। इस विषय को जानें और समझें। विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए लालबाबू प्रसाद ने कहा कि कई वर्ष पहले शहरों में वृद्ध आश्रम नहीं होते, लेकिन जैसे हम स्वार्थी होते जा रहे हैं, परिस्थितियां मातृ दिवस मनाने के अनुकूल बनती जा रही है। हम और हमारा समाज माताओं को भूलने से बाज़ नहीं आ रहा है। जिससे वृद्धाश्रम की संख्या बढ़ती जा रही है। जिससे वर्ष में एक दिन माता पिता को याद करने की पाश्चात्य संस्कृति का विकास भारत जैसे संयुक्त परिवार वाले देश में बढ़ती जा रही है। हम यह भूल जाते हैं कि उन्होंने हमें जन्म दिया है।

राम व कृष्ण को मां ने जन्म दिया, इसलिए सर्व प्रथम मां बहनों का उचित सम्मान होना चाहिए। उपर्युक्त कार्यक्रम में विचार व्यक्त करते हुए रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव डॉ जगमोहन कुमार ने कहा कि हमारी प्रथम शिक्षक हमारी माता ही होती है। जिसकी कृपा, आशीर्वाद व स्नेह से हम दुनिया को देखते है। सारे कष्टों को झेल कर मां बच्चों की रक्षा, छांव देने का कार्य करती है। हम चंद स्वार्थ में भूलकर मां को स्वयं से दूर कर, वर्ष में एक दिन याद करने की पाश्चात्य संस्कृति को पुष्पित व पल्लवित करने में लगे हैं। सर्व प्रथम हमें अपने माता बहनों की प्रतिष्ठा, सम्मान करने की पहल, घर से प्रारम्भ करनी चाहिए। वर्क ऑर्गेनाइजेशन के सचिव इरशाद आलम ने मदर्स डे पर सभी माताओं को नमन करते हुए कहा कि शहरों में ओल्ड होम सेंटर का खुलना समाज के लिए और खासकर महिलाओं के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

जिसका सामाजिक तौर पर विरोध होना चाहिए। समाज में महिलाओं के लिए सम्मान और बराबर के अधिकार के लिए पहल भी होनी चाहिए। हम मानव है हमारी सोच भी सिर्फ मानवता होनी चाहिए। महिला हो या पुरुष इस कार्यक्रम पर निगम पार्षद अहमद अली, भोलू, लाल बाबू प्रसाद, इम्तियाज आलम, घूघली प्रसाद, शशि देवी, निर्मला प्रसाद, कुदेशिया खातून, नाहिद अनवर, रूना नेसा, साफिया अनवर, हरीशा नाज, सबा परवीन, मुस्कान परवीन, नजमा खातून, शबनम अरा, शहनाज खातून उपस्थित रहे।