सेंट्रल डेस्क/मुंबई। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार खतरे में आ गई है। वहां पर एमएलसी चुनाव के ठीक बाद शिवसेना के वरिष्ठ नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे अपने यानी, शिवसेना के 15, एक एनसीपी और 14 निर्दलीय विधायकों को ले उड़े। फिलहाल पूरी टोली गुजरात के सूरत में टिकी है। इस टोली में शिंदे के अलावा तीन मंत्री और हैं। सुबह करीब 8 बजे सूरत से ही शिंदे के मुंबई छोड़ने की खबर आई। शिंदे ने अपना मोबाइल बंद कर रखा है। उनके मुख्यमंत्री तक बात नहीं कर पा रहे हैं।
हालांकि, सूत्रों का दावा है कि शिंदे तीन विधायक जय राठोड, संजय बांगर और दादा भुसे कुल को अपना दूत बनाकर मातोश्री भेजेंगे। ये विधायक एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ भाजपा से मिलकर सरकार बनाने की मांग रख सकते हैं। इस खबर के बाद दिल्ली में भी हलचल तेज हो चली। गृह मंत्री अमित शाह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पहुंचे। उधर, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुंबई से दिल्ली रवाना हो गए हैं।
सूचना है कि दोपहर तकरीबन 2 बजे करीब शिंदे अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की भी तंद्रा टूट गई है और वह भी एक्शन मोड में आ गए हैं। उन्होंने दोपहर 12 बजे गठबंधन की बैठक बुलाई है। इस बीच जोड़तोड़ के डर से कांग्रेस ने अपनी सभी विधायकों को दिल्ली बुला लिया है।
कल एमएलसी चुनाव में शिवसेना के कुछ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी। नतीजतन पार्टी को नुकसान हुआ। सोमवार देर रात महाराष्ट्र की 10 सीटों पर विधान परिषद चुनाव के नतीजे घोषित किए गए तो इसमें से भाजपा को पांच सीटें मिल गईं। जबकि एनसीपी और शिवसेना के दो-दो उम्मीदवार ही जीत का चेहरा देख पाए। एक सीट पर कांग्रेस ने पकड़ बनाए रखी। माना जा रहा है कि भाजपा को शिवसेना के विधायकों द्वारा की गई क्रास वोटिंग से फायदा मिला है।
शिवसेना में बगावत होती है तो दल-बदल कानून सबसे बड़ी बाधा बनेगा। विधानसभा में शिवसेना के पास कुल 56 विधायक है। कानून के हिसाब से शिंदे को दो तिहाई विधायक यानी 37 विधायक जुटाने होंगे। फिलहाल शिंदे के पास कुल 30 विधायक होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें से शिवसेना के मात्र 15 विधायक हैं।