बीकानेर, डेस्क : स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के पादप रोग विज्ञान विभाग द्वारा मशरूम उत्पादन तकनीकी पर आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा कि कृषि विश्वविद्यालय किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि मरुस्थलीय भौगोलिक परिस्थितियों में स्थित स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के वैज्ञानिक कम पानी में खेती की दिशा में अच्छा कार्य कर रहे हैं, मशरूम उत्पादन कम पानी में किया जा सकने वाला कृषि आधारित अच्छा उद्यम है।
कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि मशरूम उत्पादन के साथ-साथ इसके मूल्य संवर्धन तकनीक पर भी विश्वविद्यालय प्रशिक्षण आयोजित करेगा ताकि किसान कम लागत से अधिक लाभ ले सकें। उन्होंने मशरूम उत्पादों का अच्छा लाभ लेने के लिए मशरूम उत्पादक संघ बनाने का सुझाव दिया।
स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कुल सचिव अजीत कुमार गोदारा ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण के पश्चात अपने अनुभवों को विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के साथ साझा करने का सुझाव दिया। वित्त नियंत्रक बी.एल. सर्वा ने कहा कि मशरूम उत्पादन कम लागत में शुरू किया जाने वाला कृषि आधारित उद्यम है, विश्वविद्यालय के इस प्रकार के प्रयास आम जनता तक पहुंचने चाहिए।
इस अवसर पर कृषि प्रबंधन संस्थान के निदेशक डॉ. आई. पी. सिंह ने कहा कि मशरूम उत्पादन के लिए स्पान तैयार करना सीख कर उत्पादन लागत को कम किया जा सकता है। कृषि महाविद्यालय बीकानेर के अधिष्ठाता डॉ. पी.एस. शेखावत ने स्वागत उद्बोधन दिया। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. दाता राम ने बताया कि प्रशिक्षण में गुजरात, मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश के भी प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण में मशरूम में लगने वाली बीमारियों एवं कीटों की जानकारी, मशरुम उत्पादन तकनीकों के साथ-साथ नाबार्ड द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता और विपणन के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण में गांव नाथूसर निवासी सहीराम गोदारा जो वर्ष 2010 से मशरूम उत्पादन व उसके मूल्य सन्वर्धित उत्पाद- बिस्किट, बड़ियां,अचार,नूडल तथा सूप पाउडर तैयार करते हैं, ने अपने अनुभव साझा किये। डॉ. ए. के. शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।