कृषि विश्वविद्यालय में सात दिवसीय “बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम” का सफलता पूर्वक समापन।
जोधपुर, डेस्क। कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत किसान कौशल विकास केंद्र की ओर से आयोजित ” लाभदायक बकरी पालन के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाना” विषयक सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन मंगलवार को हुआ।
समापन समारोह के दौरान पशुपालकों को संबोधित करते हुए कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में अगर किसान उन्नत नस्ल की बकरियों का पालन करें तो आजीविका में इजाफा होगा, साथ ही विश्वविद्यालय की ओर से चलाए जा रहे प्रशिक्षण शिविर मैं विशेषज्ञों की ओर से दी जा रही जानकारी भी कृषकों के लिए बेहद लाभकारी होगी।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए 60 से अधिक किसानों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में प्रशिक्षण अधिकारियों द्वारा किसानों को बकरी पालन से संबंधित विभिन्न नई तकनीकों से रूबरू करवाया गया। साथ ही कृषकों को पश्चिमी राजस्थान में क्षेत्र विशेष के अनुसार बकरी की नस्लों को वैज्ञानिक तरीके से पालने की विधिवत जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में किसानों कीआमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से उन्हें पशुपालन से संबंधित सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं की जानकारी भी दी गई। कार्यक्रम के दौरान पशुपालकों को प्रोत्साहित करते हुए कुलसचिव अदिति पुरोहित ने कहा कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत स्कीम का लाभ उठा कर बकरियों से अपना व्यवसाय आरंभ कर सफलतापूर्वक पशु पालन में अच्छी आमदनी प्राप्त की जा सकती है।
किसान कौशल विकास केंद्र के प्रभारी डॉ प्रदीप पगारिया ने कार्यक्रम में आए हुए सभी पशुपालकों को पशुपालन की ओर अग्रसर होने एवं विभिन्न स्कीमों का लाभ लेकर सफल एवं उन्नत पशुपालक बन कर राष्ट्र एवं समाज की सेवा का संदेश दिया।
कार्यक्रम के समापन के मौके पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं पशुपालन से संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाने हेतु प्रशिक्षण पुस्तिका वितरित की गई। इस मौके पर विभिन्न पशुपालन विशेषज्ञ सहित प्रशिक्षण अधिकारी मनीष बेड़ा, नीलिमा मकवाना प्रियंका , अनिल कुमार यादव सहित अन्य संकाय सदस्य उपस्थित रहे।