जोधपुर, डेस्क। कृषि विश्वविद्यालय में किसान कौशल विकास केंद्र की ओर से चल रहे सात दिवसीय कुक्कुट पालन प्रशिक्षण शिविर के प्रथम चरण का समापन मंगलवार को हुआ। सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कृषकों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए वैज्ञानिक तरीके से पोल्ट्री फार्मिंग करने के तौर तरीके बताए गए। इस दौरान किसानों को मुर्गियों की उन्नत नस्ल, विशेषतया कड़कनाथ, आवास प्रणाली, भोजन प्रबंधन, रोगों की रोकथाम एवं संक्रमण, अंतिम उपज (अण्डे एवं मांस) की मार्केटिंग सहित पोल्ट्री फार्मिंग से जुड़ी विविध जानकारी किसानों के साथ साझा की गई।
कार्यक्रम में बतौर विशेषज्ञ रिटायर्ड वरिष्ठ वेटेरनरी ऑफिसर, डॉ मनीष जैन सहित डॉ आशु सिंह , डॉ एम पी वर्मा एवं डॉ गीतेश मिश्रा ने प्रशिक्षण दिया। डॉ पंकज लवानिया ने प्रतिभागियों को पोल्ट्री फार्म की विजिट करवाई।
किसान कौशल विकास केंद्र के प्रभारी एवं प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ प्रदीप पगारिया ने बताया कि इस व्यवसाय के बढ़ते महत्व को देखते हुए कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर ने इसके लिए गंभीरता दिखाई है। खेती के साथ साथ उन्नत तरीके से कुक्कुट पालन व्यवसाय को अपनाकर किसान एवं ग्रामीण परिवार अच्छा आर्थिक लाभ ले सकते हैं।
कृषि विश्वविद्यालय की ओर से कम लागत में उन्नत तरीके अपनाकर इस व्यवसाय को आरंभ करने का प्रशिक्षण दिया गया है। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने उत्तम प्रशिक्षण के लिए कृषि वैज्ञानिकों की सराहना की। शिविर के समापन पर किसानों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। किसान कौशल विकास केंद्र के विभिन्न प्रशिक्षण अधिकारी भी इस मौके पर मौजूद रहे।