भेड एवं बकरी पालन किसान की आर्थिक समृद्धि में सहयोगी-जेठानंद व्यास

राजस्थान

बीकानेर, डेस्क : स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन विभाग की ओर से भेड़- बकरी पालन के माध्यम से उद्यमिता विकास विषय पर आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण के शुभारंभ अवसर पर बुधवार को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानंद व्यास ने कहा कि भेड़ एवं बकरी पालन किसान की आर्थिक समृद्धि में बहुत उपयोगी है।

बकरी के दूध की पौष्टिकता,भेड़ के ऊन की उपयोगिता और देसी खाद के रूप में मींगणी के महत्व से सभी भली-भांति परिचित हैं। उन्होंने इस प्रकार के प्रशिक्षण को ग्रामीण क्षेत्र में उद्यमिता विकास के लिए उपयोगी बताया। इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में भेड़ एवं बकरी पालन किसान की जीवन रेखा है।

भेड़- बकरी की उन्नत नस्लों, संतुलित आहार, फ़ार्म प्रबंधन, टीकाकरण एवं बीमारियों की रोकथाम एवं व्यावसायिक इकाई हेतु परियोजना निरूपण की जानकारी प्रशिक्षण प्रतिभागियों को अपना उद्यम स्थापित करने में मददगार होगी। इस अवसर पर डॉ. आशीष कुमार, मंडल रेल प्रबंधक बीकानेर एवं डॉ. ज्योति यादव, मुख्य वैज्ञानिक, भर्ती और मूल्यांकन बोर्ड,

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली विशिष्ट अतिथि थे। डॉ. आशीष कुमार ने ग्रामीण परिवेश से जुड़े उद्यमों पर प्रशिक्षण आयोजित करने की सराहना की तथा इन्हें युवाओं में रोजगार की दृष्टि से लाभकारी बताया। डॉ. ज्योति यादव ने इस प्रशिक्षण में महिला प्रतिभागियों की भागीदारी पर प्रसन्नता जाहिर की एवं इसे ग्रामीण महिलाओं हेतु लाभकारी उद्यम बताया।

प्रशिक्षण में कृषि महाविद्यालय बीकानेर के अधिष्ठाता डॉ. पी. एस. शेखावत ने प्रशिक्षण की रूपरेखा के बारे में बताया। प्रशिक्षण संयोजक डॉ. एन.एस. दहिया ने बताया कि प्रशिक्षण में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश के 55 प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं जिनमें 12 महिलाएं हैं।