Phulwarisharif, Ajit: पटना के गौरीचक थाना क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से जल्द संसाधन विभाग द्वारा एक दिव्यांग परिवार के 2 डिसमिल जमीन पर अवैध कब्जा को मुक्त नहीं कराया गया अंचल से लेकर जिलाधिकारी और सरकार के उच्चाधिकारियों तक दिव्यांग युवक ने अपने 2 डिसमिल जमीन को जल संसाधन विभाग के द्वारा अवैध कब्जे से मुक्त कराने को लेकर राष्ट्रपति कार्यालय से जांच कराने की मांग की थी इस मामले में राष्ट्रपति कार्यालय से जांच कराने का जिम्मा बिहार के मुख्य सचिव को दिया गया था दिव्यांग युवक का कहना है कि राष्ट्रपति कार्यालय से इस मामले में जांच के आदेश के 2 महीने बाद भी उसे न्याय नहीं मिला नहीं उसकी 2 डिसमिल जमीन उसे हासिल हो पाएगा वह न्याय नहीं मिलने से क्षुब्ध होकर महामहिम राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है।
क्या है पूरा मामला समझिए
गौरीचक में सिंचाई विभाग द्वारा अधिग्रहण के दौरान 2 डिसमिल भूमि को अवैध तरीके से कब्जा करने की शिकायत महामहिम से की गई थी। महामहिम राष्ट्रपति कार्यालय से बिहार के मुख्य सचिव को मामले की जांच के आदेश दिया गया था। गौरीचक के जमुनापुर गांव निवासी दिव्यांग राहुल कुमार ने महामहिम राष्ट्रपति कार्यालय से न्याय की लगाई गुहार थी तो उसे उम्मीद थी कि अब से अपनी जमीन हासिल हो जाएगी। दरअसल, पटना के गौरीचक थाना क्षेत्र के जमुनापुर गांव में वर्ष 1980 में सिंचाई विभाग द्वारा अधिग्रहण के दौरान 2 डिसमिल जमीन को अवैध तरीके से कब्जा करने की शिकायत भू मालिक दिव्यांग राहुल कुमार सिंह ने देश के महामहिम राष्ट्रपति से करते हुए न्याय की गुहार लगाई। दिव्यांग राहुल कुमार सिंह ने महामहिम राष्ट्रपति कार्यालय को पत्र लिखकर बताया है कि वर्ष 1980 में जमुनापुर गांव में बिहार सरकार के सिंचाई विभाग द्वारा 6 डिसमिल जमीन में से 4 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण किया गया था लेकिन सिंचाई विभाग ने गलत तरीके से उनका शेष बचा 2 डिसमिल जमीन को भी मिट्टी भरवा कर अवैध रूप से कब्जा कर लिया।
इसकी शिकायत फतुआ अंचलाधिकारी एवं पटना के जिलाधिकारी से कराई गई। दिव्यांग ने अपने पत्र में बताया है कि पटना जिला अधिकारी एवं फतुहा अंचलाधिकारी ने मामले की जांच में पाया है कि सिंचाई विभाग द्वारा दिव्यांग की 2 डिसमिल जमीन को गलत तरीके से मिट्टी भरकर कब्जा किया गया है। पटना के जिलाधिकारी द्वारा इस मामले में सिंचाई विभाग के अधिकारियों को 2 डिसमिल जमीन कब्जा मुक्त करने का निर्देश भी दिया गया था, बावजूद सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने इस पर अमल नहीं किया। इसके बाद दिव्यांग ने जल संसाधन विभाग के सचिव के पास इसकी शिकायत की, उसके बावजूद उसे न्याय नहीं मिला । दिव्यांग ने इस संबंध में महामहिम राष्ट्रपति कार्यालय से न्याय की गुहार लगाते हुए इसकी जांच मुख्य सचिव बिहार से कराने का गुहार लगाया था।
दिव्यांग राहुल कुमार सिंह ने बताया कि देश के महामहिम राष्ट्रपति कार्यालय से इस पूरे मामले की जांच बिहार के मुख्य सचिव से कराने का निर्देश दिए हुए अब दो माह बीत गए लेकिन उसे न्याय नही मिला। दिव्यांग राहुल सिंह ने आगे बताया की दिनांक 16 सितंबर 2022 को महामहिम राष्ट्रपति कार्यालय में आवेदन दिया था।लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी जल संसाधन विभाग द्वारा मेरा दो डिसमिल जमीन खाली नहीं किए गए है। राजस्व कर्मचारी, अंचल निरीक्षक, अंचलाधिकारी फतुहा एवं जिलाधिकारी पटना के निर्देश के विभाग अनैतिक तरीके से हमारे जमीन पर कब्जा किए हुए है। मैं जल संसाधन विभाग के सचिव के मनमानी, लापरवाही, कोताही, भ्रष्टाचार एवं बेईमानी के आगे थक हार चुका हूं, इसलिए मुझ दिव्यांग को इच्छा मृत्यु प्रदान किये जाए। क्योंकी न्याय से वंचित होकर रहना मृत्यु के समान है।