- सनातन की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र दोनों उठाना जरूरी : पंडित धीरेंद्र शास्त्री
- हनुमत कथा के पांचवें दिन अशोक वाटिका का प्रसंग विस्तार से सुनाया
फुलवारी शरीफ,अजीत : पटना के नौबतपुर में 5 दिनों तक हनुमत कथा सुनाकर बुधवार को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री विदा हो गए. आखिरी दिन हनुमत कथा सुनाने के दौरान श्रद्धालुओं को कहा कि एक बार फिर से नौबतपुर आएंगे ,इसकी आप लोग पूरी तैयारी करके रखना . जाते-जाते बाबा ने स्थानीय पुलिस प्रशासन की जमकर तारीफ की.उन्होंने कहा कि कोई भी हमारा विरोध करे तो कोई प्रतिक्रिया नहीं देना किसी तरह का जवाब नहीं देना. उन्होंने इस दौरान पटना पुलिस की तारीफ की और कहा कि यहां की पुलिस धन्य है पूरी मेहनत लगाकर इस आयोजन को सफल बनाया है भले पुलिस बलों की संख्या कम थी. नौबतपुर में हनुमत कथा सुनने आखिरी दिन लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी थी.बाबा बागेश्वर ने कहा कि नौबतपुर के पागलों करो तैयारी फिर से आएंगे मुगदरधारी..महाराज जी की आज्ञा लगेगी तब फिर नौबतपुर के तरेत मठ में फिर राम कथा सुनाएंगे.
पटना के नौबतपुर में पांच दिवसीय हनुमत कथा के अंतिम दिन बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित सुरेंद्र शास्त्री अपने भक्तों को अशोक वाटिका प्रसंग पर विस्तार से कथा वाचन करते हुए संकल्प दिलाया कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र दोनों की जानकारी होना जरूरी है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सनातन की रक्षा करना है तो शस्त्र और शास्त्र दोनों उठाना होगा . बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा का बुधवार को अंतिम दिन धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हनुमान जी हैं शास्त्र और अंगद जी है शस्त्र. हमें सनातन धर्म में शास्त्र और शस्त्र दोनों की जरूरत है. बाबा बागेश्वर धाम सरकार ने भक्तों को शस्त्र और शास्त्र की परिभाषा विस्तार से बताते हुए समझाया. उन्होंने कहा कि शास्त्र और शस्त्र दोनों में ज्यादा अंतर नहीं है. एक डंडा निकाला तो शास्त्र भी शस्त्र बन जाता है, अर्थात सनातन धर्म की रक्षा के लिए माला और भाला दोनों होना जरूरी है .
दरअसल, नौबतपुर स्थित तरेत पाली मठ में कथा सुनने लाखों लोग पहुंचे पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि आज हमारे पोस्टर को थारा जा रहा है उन्होंने कहा कि पोस्टर फाड़ने से क्या होगा, हमारे दिल से लाखों करोड़ों लोगों की भक्ति को कोई निकाल नहीं सकता ,यह आपकी भक्ति है जो आप अपने बाला सरकार की भक्ति और आस्था को लेकर हमारे बीच आए हैं . पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने विरोधी और पोस्टर फाड़ने वालों के लिए एक शेर भी सुनाया. बाबा ने कहा- सितारों को आंखों में महफूज रखना… क्योंकि बहुत देर तक रात ही रात होगी, मुसाफिर हो तुम भी… मुसाफिर हैं हम भी, बालाजी ने चाहा तो किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी….
हनुमत कथा के आखिरी दिन पंडित धीरेंद्र शास्त्री का वाहन कथा वाचन स्थल पर 2:45 बजे पहुंचा और हनु आरती के पश्चात उन्होंने 3:00 बजे से अपना हनुमान कथा सुनाना शुरू किया . पांचवें दिन भी अशोक वाटिका प्रसंग में अंगद और मेघनाथ से जुड़े रोचक वाक्या को भजन रूप में सुनाकर भक्तों को खूब झुमाया.बाबा ने भक्तों के बीच अंतिम दिन प्रसाद और भभुति भी बांटी.घर लौटने वाले श्रद्धालुओं को एक बार फिर से दोहराया की बाला सरकार हनुमान जी की सिद्धियों और सनातन धर्म की रक्षा के लिए सीता राम जय हनुमान का जाप करते रहें बागेश्वर धाम सरकार का आशीर्वाद सदा आपके ऊपर बना रहेगा .बाबा बागेश्वर ने हनुमान कथा के आठ फायदे बताए. कहा कि जन घरों में नियमित हनुमंत कथा होती है वहां शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति मिलती है. रोग, पीड़ा से भी मुक्ति मिलती है. हनुमान जी की कथा सुनने के बाद शोक, ग्लानि और क्षोभ से छुटकारा मिलता है. बाबा बागेश्वर ने कहा कि इससे अपराध से भी मुक्ति मिलती है. कुंडली के मंगल दोष शांत होते हैं. साधकों को हनुमान जी सिद्धि प्रदान करते हैं.
बागेश्वर बाबा पंडित धर्मेंद्र शास्त्री हनुमत कथा का अंतिम दिन होने के कारण दो लाख से अधिक अपार जनसमूह उमड़ पड़ा. जितना पंडाल में जुटे उससे कई गुना बाहर नजर आए. 13 से 17 मई तक आयोजित होने वाले हनुमत कथा में बिहार के अलावा दूसरे राज्यों के भी लाखों श्रद्धालु पहुंचे.हनुमत कथा के दूसरे ही दिन बाबा ने नौबतपुर में अपना दिव्य दरबार भी लगाया और लोगों की समस्या का निपटारा किया. इतना ही नहीं बाबा ने श्रद्धालुओं भक्तों से कहा कि वे जल्दी बिहार वापस आएंगे और लोगों की पर्ची भी निकालेंगे. आखिरी दिन बाबा के हनुमत कथा के समापन के दौरान जय हनुमान सीता राम के जयकारे से पूरा तरेत पाली मठ का परिसर गुंजायमान हो उठा . वहीं कथा के आयोजन कर्ताओं के तरफ से बताया गया कि बाबा यहां से अपने होटल पनास जाएंगे और उसके बाद वहां कुछ लोगों से मुलाकात करेंगे इसके बाद आज रात ही 9:00 बजे फ्लाइट से वापस लौट जाएंगे .