संपत चक में याद किए गए महात्मा ज्योतिबा फुले

फ़ुलवारी शरीफ

फुलवारी शरीफ, अजीत. पटना के संपतचक एकतापुरम भोगीपुर में महात्मा ज्योतिबा फुले को याद करते हुए लोगों ने उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प दोहराया . सावित्रीबाई फुले पुस्तकालय से जुड़े लोगों ने महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में आज की नई पूरी को प्रेरणा लेने की अपील की . समाजसेवी नागेश्वर सिंह स्वराज ने कहा कि समाज में जब अराजकता और अशिक्षा का माहौल चरम पर था तब महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले प्रथम शिक्षिका ने समाज में शिक्षा की रोशनी जलाई और सभी लोगों को शिक्षित बनने के लिए प्रेरित किया विशेषकर उन्होंने महिलाओं को शिक्षित करने पर बल दिया.

उन्होंने बताया की महात्मा जोतिराव गोविंदराव फुले एक भारतीय समाज सुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे. सितम्बर १८७३ में इन्होने महाराष्ट्र में सत्य शोधक समाज नामक संस्था का गठन किया और जन-जन को शिक्षित करने का अभियान चलाया .श्री स्वराज ने कहा की महात्मा ज्योतिबा फुले का जीवन गौतम बुद्ध, तुकाराम, अशोक, कबीर, अब्राहम लिंकन जैसे महापुरुषों से प्रभावित था.

फुलवारी में माले ने भी मनाया ज्योतिबा फुले की जयंती
फुलवारीशरीफ प्रखंड भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने कई गांव में अलग-अलग अपने अपने स्तर से ज्योतिबा फुले की जयंती मनाई. प्रखंड सचिव गुरुदेव दास ने बताया कि महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी पहली शिक्षिका सावित्रीबाई फुले ने मिलकर शिक्षा का जो अलख जगाया उसके बूते ही आज पिछड़ा अति पिछड़ा दलित महादलित अकलियत समाज के लोग और विशेषकर महिलाओं का रुझान शिक्षा के प्रति बढ़ा है.

फुलवारी से प्रखंड के ठुड्डी पर गांव में ग्रामीणों के बीच महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि आज हर घर में अपने बच्चों को शिक्षित बनाने का काम करें . शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्कूलों में उन्हें जरूर भेजें.