रुक्मणी बिल्डटेक के निदेशको का पासपोर्ट जप्त हो, निदेशक व उनके सहयोगियों के खिलाफ क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को 100 पन्नो का साक्ष्य व दस्तावेज सौपा गया

फ़ुलवारी शरीफ

फुलवारी शरीफ, अजीत। रुक्मणी बिल्डटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अजीत आजाद निवासी- रैमा, सहारघाट, मधुबनी निदेशक गण मानब कुमार सिंह (निवासी- ढोड़ी, बेलहर, बांका) अमीत कुमार चौबे ( सोमेश्वर नाथ महादेव ट्रस्ट, जगदंबा टावर, बोरिंग रोड, पटना) राजीव कुमार ठाकुर (निवासी- रैमा, सहारघाट, मधुबनी) के पासपोर्ट को अविलंब निरस्त एवं जप्त करने के मांग को लेकर पीड़ीत भुस्वामी नागेश्वर सिह स्वराज अपने कानूनी सलाहकार व पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सौरभ विशवंभर के साथ क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पहुच गये।

क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पटना को सौपे गये मांग पत्र मे पीडीत भुस्वामी नागेश्वर सिंह स्वराज ने आशंका जाहिर किया है कि जल्द ही रूक्मणी बिल्टेक के सभी निदेशको का पासपोर्ट निरस्त एवं जप्त नही किया गया तो ये लोग कभी भी विदेश भाग जा सकते हैं। फिलहाल कोर्ट के फैसले बिल्डर के खिलाफ आने के बाद सभी अपना अपना मोबाइल बंद कर भूमिगत हो चुके हैं। श्री स्वराज के ओर से कानुनी सलाहकार सौरभ विशवंभर ने रूकमणी बिल्डटेक के सभी निदेशको व उसके सहयोगियों के खिलाफ लगभग 100 पन्नो का साक्ष्य व दस्तावेज क्षेत्रीय पासपोर्ट को सौंपा, जिसमे बिल्डर के उपर उच्च न्यायालय पटना, व्यवहार न्यायालय, पटना मे कई आपराधिक मामले, रेरा पटना मे लगभग 2 दर्जन, मधुबनी जिले के थानो समेत, गांधी मैदान थाना, पटना मे दर्ज अपराधो का काण्ड संख्या तथा उनपर लगे संगीन धाराओं का तिथिवार विवरण दर्ज है।

मालूम हो कि संपतचक के भोगीपुर में निर्माणाधीन छत्रपति शिवाजी ग्रीन्स अपार्टमेंट के बिल्डर एवं भूस्वामी के बीच पूर्व में किए गए करार के अनुसार निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं होने एवं उसके एवज में हरजाना भुगतान नहीं करने को लेकर दोनों पक्षों में महीनों तक न्यायालय में सुनवाई हुई थी। इसके बाद अपने फैसले मे कोर्ट ने बिल्डर रूकमणी बिल्डटेक को यह निर्देश दिया है कि 90 दिन के अंदर वे 22 करोड रूपया पीडित जमीन मालिक नागेश्वर सिंह स्वराज को भुगतान करे।

इतना ही नही तय वक्त पर भुगतान नही किये जाने पर 18% सलाना ब्याज भी देना होगा। साथ ही पूर्व नयायधीश ने यह भी कहा कि भूस्वामी के सहमति व हस्ताक्षर के बगैर बिल्डर द्वारा बेचे गए सभी फ्लैट गैर कानूनी है। अधिवक्ता सौरभ विस्वंभर के अनुसार अपने फैसले मे यह भी कहा था कि निर्माण मे विलंब व गुणवता तथा तकनीकी पहलू रूक्मणी बिल्डटेक पर सवाल उठाने के कारण भूस्वामी नागेश्वर सिंह स्वराज को इन लोगो ने कई फर्जी व झुठे मुकदमो मे भी फसाया।