BP.DESK : बिहटा में हुई फायरिंग में पुलिस ने दो आरोपियों पंकज कुमार और साभा राय को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक शत्रुघ्न की पत्नी ने 24 लोगों पर नामजद मामला दर्ज करवाया था, जिनमें पंकज कुमार और सभा राय का भी नाम था। दोनों राय गुट के लिए काम करते हैं।
पुलिस ने बताया कि घटना के बाद से ही आरोपी फरार हो गए थे। गुप्त सूचना के आधार पर बिहटा सहित कई थानों की पुलिस ने छापेमारी कर आरापितों को पकड़ा। इनके पास से एक कट्टा व पांच गोलियां भी पुलिस को मिली हैं। अब तक पुलिस इस मामले में तीन महिलाओं सहित पांच को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने मनेर के चौरासी, सुअरमरवां, दानापुर के गौरैया स्थान, अमनाबाद, बिनगांवा,डोरीगंज में लगातार छापेमारी की। छापेमारी टीम में दानापुर एएसपी के नेतृत्व में बिहटा, मनेर, दुल्हिनबाजार, नौबतपुर थाने की पुलिस शामिल है।
पुलिस टीम ने बिहटा के अमनाबाद के बगल पथलौटिया में घाट किनारे लगी कई पोकलेन मशीनों को जब्त कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया। अन्य फरार आरोपितों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। कुल 20 पोकलेन पुलिस ने जब्त कर ली हैं। पोकलेन का भी सत्यापन किया जा रहा है कि उसके मालिक कौन हैं।
सरगना पटना से फरार
राय गुट के सरगना श्रीराय अब तक पुलिस की चंगुल से फरार हैं। पुलिस सर्विलांस में उनकी लोकेशन पटना जिले के बाहर मिली है। पुलिस टीम ने आरा स्थित उनके संभावित ठिकानों पर भी छापेमारी की थी, लेकिन राय गुट का सरगना पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया। इस मामले में अन्य बालू माफियाओं की भी तलाश जारी है। सूत्रों ने बताया कि अमनाबाद में हुए खून-खराबा को लेकर जेल में बंद सिपाही राय से भी पूछताछ कर सकती है। सिपाही और श्रीराय के बीच दोस्ती है। आशंका जताई जा रही है कि घटना की साजिश के पीछे सिपाही राय का हाथ भी हो सकता है।
जेल में बंद होने के कारण सिपाही राय की पकड़ इन घाटों पर कमजोर हो रही थी। इस कारण सिपाही और श्री ने मिलकर साजिश रची। बताया जा रहा है कि गोलीबारी के रोज श्रीराय के साथ सिपाही राय के गुर्गे भी घटनास्थल पर मौजूद थे। इस मामले में अबतक 22 आरोपित फरार हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अगर जल्द से जल्द इन सभी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो पुलिस आरोपितों का वारंट ले सकती है। उनके ऊपर कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। बिहटा के बालू घाटों पर अब भी पुलिस टीम कैंप कर रही है। बालू घाटों को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
बता दें कि अमनाबाद दियारा में बालू माफियाओं ने राइफल का इस्तेमाल किया था। इस बात का खुलासा रविवार को ललेंद्र उर्फ मुकेश और लालदेव राय के पोस्टमार्टम से हुआ है। लालदेव के शरीर में फंसी 315 बोर की गोलियां पोस्टमार्टम के दौरान निकाली गयीं। 315 बोर की गोली का इस्तेमाल अमूमन रायफल में किया जाता है। पोस्टमार्टम करवाने के बाद पुलिस ने शव को परिजनों के हवाले कर दिया।