मजदूर दिवस पर सभी ट्रेड यूनियन देश के सभी जिला मुख्यालयों पर करेंगी प्रदर्शन : सुभाष लांबा

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बेगूसराय/विनोद कर्ण। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के चार दिवसीय में सार्वजनिक क्षेत्र को बचाने, पुरानी पेंशन बहाली, संविदा कर्मियों को पक्का करने, खाली पड़े लाखों पदों को भरने, लोकतांत्रिक एवं  संवैधानिक अधिकारों और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करने को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान किया गया।

नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने आंदोलन का ऐलान करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर पहली मई को सभी ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर देश भर में प्रदर्शनों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन के अगले चरण में 28 मई को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर कर्मचारी सामूहिक धरना आयोजित कर प्रदर्शन करेंगे।

उन्होंने बताया कि सम्मेलन में शीघ्र ही केन्द्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों और बैंक, बीमा, डिफेंस,रेलवे आदि के कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई जाएगी। जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त कर्मचारी मोर्चा बना कर राष्ट्रव्यापी आंदोलन का निर्माण किया जाएगा।

राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बेगूसराय की धरती पर ऐतिहासिक रूप से सफल सम्मेलन के आयोजन के लिए बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के तमाम नेताओं, सीटू, किसान सभा, एटक, जनवादी लेखक संघ, एलआरएसए, जनवादी महिला समिति, प्रगतिशील लेखक संघ, पत्रकारों एवं छायाकारों का हार्दिक धन्यवाद किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल व त्रिपुरा सरकार व जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा कर्मचारियों के किए जा रहे उत्पीड़न की घोर निन्दा की और सभी प्रकार की दमन एवं उत्पीड़न की कार्यवाहियों को समाप्त करने की मांग की।

सम्मेलन में सर्वसम्मति से सुभाष लांबा को अध्यक्ष, ए.श्रीकुमार को महासचिव व शशिकांत राय को कोषाध्यक्ष चुना गया : अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के संपन्न हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में सुभाष लांबा (हरियाणा) को अध्यक्ष, ए.श्रीकुमार (केरल), शशिकांत राय (बिहार) को कोषाध्यक्ष चुना गया। इसके अलावा एम. अनबरसू (तमिलनाडु) व विश्वजीत गुप्त चोरी (प. बंगाल),बंडी श्रीनिवास राव (आंध्रप्रदेश), चन्द्रशेखर तिवारी (छत्तीसगढ़) एन टी शिवराजन (केरला) उमेशचंद्र चिलबूले(महाराष्ट्र) सतीश राणा (पंजाब), सुथपा हाजरा (प.बंगाल ) एम राजेंद्र (तेलंगाना), विश्वास काटकर (महाराष्ट्र) व कमलेश मिश्रा (उ.प्र), गोपाल दत्त जोशी (चंडीगढ़), शोभा लोकनागन्ना (कर्नाटक),एम ए.अजित कुमार (केरला),पुरुजीत (मणिपुर) एम जनथम्बी (तामिलनाडु), स्वपन बल (त्रिपुरा), पुनीत कुमार त्रिपाठी (उ.प्र) को सचिव चुना गया।

सम्मेलन में सर्वसम्मति से 16 प्रस्ताव पारित किए गए : राष्ट्रीय सम्मेलन में चोथे दिन सर्व सम्मति से 16 प्रस्ताव पारित किए गए। जिसमें नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल करने, लैंगिक मुद्दों का समाधान करने, संविदा, आउटसोर्स व दैनिक वेतन भोगी रोजगार बंद कर संविदा कर्मियों को पक्का करने,सभी खाली पड़े पदों को भरने, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं विभागों का निजीकरण बंद करो , नेशनल मुद्रीकरण पाइपलाइन को वापस लो, बिजली संशोधन बिल 2021 को वापस लो, बिजली विभागों एवं निगमों के निजीकरण पर रोक लगाने, सांप्रदायिकता बंद करो।

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धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करो, महंगाई पर रोक लगाओ, सार्वभौमिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करो, नई शिक्षा नीति की रद्द करो, संविधान की धारा 310 और अनुच्छेद 311(2) (ए) (बी) (सी) को निरस्त करो, श्रम कानूनों को रद्द कर बनाए गए लेबर कोड्स को वापस लेने, बुनियादी ट्रेड यूनियन अधिकारों की रक्षा करने करने के लिए संधर्ष मजबूत करो, एलआईसी का निजीकरण बंद करो, भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाओ, आयकर छूट की सीमा बढ़ई जाए, महंगाई भत्ते के 18 महीने की एरियर का भुगतान करना शामिल है।