स्टेट डेस्क/दिवाकर श्रीवास्तव। मुजफ्फरपुर और पटना समेत राज्य के 19 नगर निगमों में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव अब वार्ड पार्षदों के बदले सीधे मतदाता करेंगे। इसके लिए राजभवन ने नगरपालिका एक्ट में संशोधन का अध्यादेश विधि विभाग काे भेज दिया है।
अध्यादेश के संशोधन राज्य भर के 263 नगर निकायों पर भी लागू हाेंगे। इनके सभापति और उपसभापति का निर्वाचन भी सीधे वोटर करेंगे। राजभवन काे संशोधन अध्यादेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र समाप्त हाे जाने के कारण जारी करना पड़ा है। इस अध्यादेश के बाद यह तय हाे गया है कि इस साल अप्रैल से जून तक नगर निगमों के चुनाव में नगर सरकार की कुर्सी का निर्णय सीधे जनता के हाथ में होगा।
संशोधन के अनुसार मेयर-डिप्टी मेयर के खिलाफ पार्षद अविश्वास प्रस्ताव भी नहीं ला सकेंगे। उल्लेखनीय है कि विधानमंडल का शीतकालीन सत्र समाप्त हाेने के कारण सरकार काे एक्ट संशोधन में तकनीकी दिक्कत आ रही थी। इसलिए राजभवन के अध्यादेश का संवैधानिक विकल्प चुना गया। इसके द्वारा बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 23 व 25 में संशोधन किया गया है।
दोनों ही धाराएं क्रमश: मुख्य पार्षद यानी मेयर और उप मुख्य पार्षद यानी डिप्टी मेयर के चुनाव और दोनों ही के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने से संबंधित हैं। नए नियम के तहत जब वार्ड पार्षद मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव नहीं करेंगे, ताे वार्ड पार्षदों की क्षमता के एक तिहाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव भी नहीं ला सकेंगे।
राज्यपाल के अध्यादेश के बाद विधि विभाग की कानूनी प्रक्रिया पूरी होते ही पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, बिहारशरीफ, आरा, छपरा, पूर्णिया, सहरसा, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, मोतिहारी, बेतिया और सीवान समेत अन्य नगर निगम में प्रत्यक्ष रूप से मुख्य पार्षद पार्षद व उप मुख्य पार्षद (मेयर व डिप्टी मेयर) का चुनाव होगा।
राज्य के 263 नगर निकायों में भी सभापति-उपसभापति या चेयरमैन-वाइस चेयरमैन का भी चुनाव होगा। पूरी प्रक्रिया में अब पहले की तरह कोई राजनीति नहीं हो सकेगी। पार्षद अपनी पहली बैठक में बहुमत से मेयर व डिप्टी मेयर को चुनेंगे। अब संशोधन के साथ 23 (1) – संबंधित नगर पालिका क्षेत्र के मतदाता सूची में दर्ज वोटर प्रत्यक्ष रूप से मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव कर सकेंगे। जबकि, धारा 24 के तहत उन्हें पर और गोपनीयता की पूर्ण शपथ दिलाई जाएगी।
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मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ एक तिहाई पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। अब संशोधन के बाद धारा ( 25) मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद को अविश्वास प्रस्ताव के द्वारा नहीं हटाया जा सकेगा। इनके त्यागपत्र देने, मृत्यु होने अथवा किसी आपराधिक मामले में 6 माह तक फरार रहने की स्थिति में मेयर व डिप्टी मेयर को हटाया जा सकेगा।