सुशासन बाबू के राज में भी काफी फले-फूले अनंत सिह, लालू की मुखालफत बनी सालों बाद बवाले जान

बिहार

स्टेट डेस्क/पटना। मोकामा विधानसभा क्षेत्र से विधायक अनंत सिंह भूमिहार समाज से आते हैं। इस क्षेत्र में गरीबी भी ज्यादा है। अनंत सिंह की यहाँ पर रॉबिनहुड वाली छवि है।

यदि इस इलाके में किसी लड़की की शादी दहेज की वजह से नहीं हो रही है और यदि लड़की का पिता अनंत सिंहके पास चला जाता है तो उसे खाली हाथ नहीं लौटना होगा। अनंत सिंह लड़के वाले को शादी के लिए डरा धमकाकर शादी के लिए तैयार कर देते हैं या फिर कुछ पैसे देकर मामले को सुलझा देते हैं। यही नहीं यदि अनंत सिंह को शादी का कार्ड भेज दिया तो वे उसके घर उपहार जरूर भेजते हैं। इसी वजह से इलाके के लोग अनंत सिंह को सपोर्ट करते आ रहे हैं।

2005 के समय में अनंत सिंह लालू यादव का प्रस्ताव ठुकराकर नीतीश कुमार के साथ गए। बाढ़ शहर में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित कर नीतीश कुमार को लड्डू और चांदी के सिक्कों से तौलकर अनंत सिंह ने अपनी राजनीतिक करियर के शुरुआत का घोषणा की। लालू का प्रस्ताव ठुकराने पर तत्कालीन राबड़ी देवी की सरकार के इशारे पर अनंत सिंह के पुश्तैनी आवास पर बिहार पुलिस की स्पेशल टीम ने रेड मारी। अनंत सिंह को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।

फिलहाल अब इस घटना के बाद अनंत सिंह नीतीश कुमार के दुलारे और लालू के लिए किरकिरी बन गए। नीतीश सरकार ने राज्य के लगभग सारे बाहुबलियों को जेल में दाल दिया। वही अनंत सिंह का रुतबा बढ़ता गया। साहब के सानिध्य में उनका रुतबा बढ़ता गया। राज्य में तमाम जगह संपत्ति हड़पता गया। पटना के फ्रेजर रोड इलाके में मॉल बनाने के लिए जमीन कब्जाने के आरोप लगे। अभी कोई मुख्ड़म दर्ज़ नहीं है।

वही साल 2014 में बाढ़ में छेड़खानी को लेकर युवकों के दो गुटों में विवाद शुरू हुआ था। बाद में भूषण, कन्हैया, ऋषि, मनीष, शिवम समेत अन्य ने चार युवकों पुटुस कुमार, प्रदीप, सोनू और बबलू का अपहरण कर लिया था। दमा गांव के पास खेत में पुटुस की लाश मिली थी। इसी हत्याकांड में विधायक अनंत सिंह का नाम आया था। इस मामले के बाद उनका राजनीतिक कॅरियर हासिये पर है।