पटना, बीपी प्रतिनिधि। बिहार में शराबबंदी लागू करने के लिए पानी की तरह सरकारी खजाने का पैसा बहा रही सरकार की हर कोशिश फेल हो रही है। बिहार सरकार के मद्य निषेध विभाग का ये टास्क फोर्स फेल हो गया है। अब सरकार ने टास्क फोर्स को ही खत्म कर दिया है। टास्क फोर्स के सदस्यों से मोबाइल और वाहन भी वापस ले लिए गए हैं।
मद्य निषेध विभाग ने बिहार में शराब के खिलाफ कार्रवाई के लिए एंटी लिकर टास्क फोर्स का गठन किया था। जिसके तहत 230 दस्ते बनाये गये थे। एंटी लिकर टास्क फोर्स के इस खास दस्ते को खास संसाधन और विशेष शक्तियां दी गई थीं। सरकार ने एंटी लिकर टास्क फोर्स के 230 दस्तों को गाड़ी और मोबाइल की सुविधा भी दी थी। लेकिन, अब सरकार कह रही है कि एंटी लिकर टास्क फोर्स ठीक ढंग से काम नहीं कर रही है।
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेशानुसार एंटी लिकर टास्क फोर्स को दी जाने वाली मोबाइल और गाडिय़ों की सुविधा वापस ले ली गई है। टास्क फोर्स को भंग करने के बाद मद्य निषेध विभाग के कंट्रोल रूम में आने वाली शराब की शिकायतों को अब सीधे पुलिस थानों को ट्रांसफर किया जा रहा है।
मद्य निषेध विभाग के उपायुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि शराब को लेकर हर रोज औसतन 400 शिकायतें मिल रही हैं। इसमें शराब की अवैध बिक्री से लेकर शराबियों तक की जानकारी दी जा रही है। विभाग इन शिकायतों को सीधे थानों को ट्रांसफर कर रहा है, जहां से तत्काल कार्रवाई की जा रही है।