बिहार में अस्पताल और पुल के बाद चोरों की नजर रेल ट्रैक पर है

अररिया

अररिया, बीपी प्रतिनिधि। बता दें 18 अगस्त 2008 को कोसी नदी पर बना पूर्वोत्थान तटबंध कुसहा के समीप ध्वस्त होने के बाद कोसी की प्रलयंकारी बाढ़ ने नेपाल सहित भारतीय क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी और उसी समय ध्वस्त हुआ फारबिसगंज-सहरसा रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन जो रुकी,आज तक अनवरत जारी है।

लंबे समय के बाद रेल मंत्रालय की ओर से इस रेलखंड की ओर नजर इनायत होने के बाद राशि मुक्त किये जाने के बाद काम मे तेजी आई और छोटे-बड़े रेल पुलों के साथ रेल पटरी बिछाने के कामों में भी तेजी आई।लेकिन इस रेलखंड पर बिछाये जा रहे रेल पटरी काम पर चोरों की नजर जमी थी।

फारबिसगंज में बेखौफ चोरों के इस मंसूबे को फारबिसगंज के तेज तर्रार डीएसपी और पुलिस के सक्रियता ने सफल नही होने दिया और रेल ट्रैक उखाड़ कर ले जाने की फिराक में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, फारबिसगंज- सहरसा रेलखंड पर आमान परिवर्तन कार्य चल रहा है।

जहाँ फारबिसगंज के एमबीआईटी कॉलेज के पीछे चोरों ने क्रेन की मदद से पहले तो रेल पटरी को उखाड़ा उसके बाद इसे एक सोलह चक्का ट्रक पर लाद बंगाल ले जाने की फिराक में थे तभी वहाँ के गार्ड ने मामले की सूचना फारबिसगंज पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने सभी को गिरफ्तार किया।

पुलिस ने मौके से क्रेन , एक हाइड्रा मशीन और ट्रक पर लड़े रेल पटरी को जब्त किया , मामले में जब गिरफ्तार चोरों से पूछताछ की गई तो चोरों ने इस मामले में रेल के एक कर्मचारी समेत रेल के एक इंजीनियर के भी शामिल होने की बात बताई है ,फारबिसगंज पुलिस ने गिरफ्तार चोरों और जब्त सामानों को सहरसा आरपीएफ को सौप दिया है।

फारबिसगंज डीएसपी ने बताया को रेल की पटरी चोरी करने में एक संगठित गिरोह कार्य करता है जिसमे बंगाल के चोर भी शामिल हैं और कई ट्रांसपोर्टर भी शामिल है जिसके बारे में सहरसा आरपीएफ को सभी जानकारी दे दी गयी है।