अंततोगत्वा आदमखोर बाघ को वनकर्मियो ने बलुआ गांव के बाहर मार गिराया
Bettiah, Awadhesh Kumar Sharma: पश्चिम चम्पारण जिला के बगहा और नरकटियागंज अनुमंडल क्षेत्र में विस्तारित वाल्मीकि ब्याघ्र परियोजना क्षेत्र से निकला रॉयल बंगाल टाइगर, आदमखोर बन गया है। गांव में घुसकर पहले जानवरो पर हमला किया। अलबत्ता नौ व्यक्ति का खून चखने के बाद वह आदमखोर बैन गया है। उसके आतंक से बगहा और नरकटियागंज अनुमंडल क्षेत्र के लोगों की नींद हराम हो गई है। बाघ के आतंक से ग्रामीणों को कौन कहे वन क्षेत्र से सटे अस्पताल व स्कूल के कर्मी व शिक्षक विद्यालय जाने से कतराने लगे हैं। फिलहाल बाघ का आतंक बगहा अनुमंडल के रामनगर और नरकटियागंज अनुमंडल के गौनाहा प्रखण्ड में सर्वाधिक है। वीटीआर के आदमख़ोर बाघ ने नौ लोगों का शिकार किया है। आधा दर्जन से अधिक लोगों की जान गंवानी के बाद आदमखोर बाघ को सूट करने का एनटीसीए से प्रशासन को हरी झंडी मिल गई है। बिहार का एक मात्र वाल्मीकि टाईगर रिज़र्व क्षेत्र से बाहर निकले आदमखोर बाघ के आतंक से तंग आकर उसे मारने का आदेश दे दिया है ।
गोबर्धना वन क्षेत्र के डुमरी गांव में बाघ के हमले में हुई मौत उपरांत ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया। आदमखोर का शिकार बना व्यक्ति के शव के साथ ग्रामीणों ने ज़ोरदार प्रदर्शन किया। उपर्युक्त घटना के बाद लोगों ने वन विभाग की गाडियों पर गुस्सा उतारा और तोड़ फोड़ किया। उसके पश्चात वन विभाग की टीम ने भागकर जान बचाई।
ग्रामीणों के प्रदर्शन उपरांत भारी संख्या में दल बल के साथ डीएफओ 1 प्रद्युम्न गौरव औऱ एसपी अभियान दिवेश कुमार मिश्र पहुंचे औऱ मृतक के परिजनों व आक्रोशित ग्रामीणों को समझा बुझाकर मामला शांत कराते हुए, तत्काल अंतिम संस्कार के लिए सहयोग राशि देते हुए 5 लाख मुआवजे की घोषणा किया। प्रदर्शन करने वाले मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी 25 से 30 लाख मुआवजे की मांग कर रहे हैं। जिससे परिवार का भरण पोषण हो सकें।
उल्लेखनीय है कि डीएफओ प्रद्युम्न गौरव ने भरोसा दिलाया है कि सरकारी स्तर पर इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। बतातें चले कि वन विभाग ने आखिरकार अब 9 व्यक्ति के आदमखोर बाघ का शिकार होना स्वीकार कर लिया है। जिला वन पदाधिकारी (डीएफओ) ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि बाघ अब आदमखोर हो चुका है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि आदमखोर बाघ एक ही है, जो लोकेशन बदलकर हमला कर रहा है। जिसे स्थिति सामान्य होते ही ट्रेस कर मार दिया जाएगा। हालाकि ग्रामीण वन विभाग से गारंटी मांग रहे हैं कि जब तक बाघ मारा नहीं जाता है, तब तक किसी अन्य के जान माल की क्षति नहीं हो।
वन विभाग के पदाधिकारी इसकी जिम्मेदारी लें, ऐसे में देखना यह है कि वन विभाग आदमखोर बाघ को मारने में कब सफ़ल होगा, कब तक आदमखोर गांव में घुसकर महिला पुरुष और बच्चों को मौत के घाट उतारता रहेगा। रामनगर प्रखण्ड के बलुआ गांव में शनिवार की सुबह लगभग 8 बजे आदमखोर बाघ ने मां और बेटा को शिकार बना लिया है।
अंततोगत्वा गोबर्धना रेंज के बलुआ गांव में आदमखोर बाघ को वन कर्मियों ने मार गिराया। जिससे वन क्षेत्र के आस पास के गांव में प्रसन्नता है, अलबत्ता विभाग ने सतर्कता बरतने को कहा है