-विद्यालय की स्थिति देख कहा, यह भवन रहने लायक नहीं
-50 की क्षमता वाले छात्रावास में रहती हैं 100 छात्राएं
मुजफ्फरपुर, बिफोर प्रिंट। बोचहा प्रखंड मुख्यालय स्थित बीआरसी परिसर में चल रहे कस्तूरबा विद्यालय में क्षमता 50 छात्राओं की भी नहीं है लेकिन उसी में 100 छात्राएं रह रही हैं। चौकी में चौकी सटाकर किसी तरीके से सभी छात्राएं सोती हैं, भीषण गर्मी के बीच एक दूसरे से इतने क्लोज होकर सोने में कई छात्राओं को चरम रोग एवं घाव की समस्या हो गई है। वरीय अधिकारियों के निर्देश पर बुधवार की रात्रि कस्तूरबा विद्यालय की जांच करने पहुंची बीडीओ सुभद्रा कुमारी के सामने यह खुलासा हुआ। वर्ग 7 की राघो मझौली निवासी महेश्वर राम की पुत्री नीतू कुमारी एवं करणपुर बोचहां निवासी इंद्रजीत सहनी की पुत्री नीता कुमारी घाव से परेशान है।
प्रभारी वार्डन बबीता कुमारी व शिक्षिका वीणा कुमारी ने बीडीओ को बताया कि कम जगह में ज्यादा बच्चों के साथ साथ सोने के कारण चर्म रोग की समस्याएं भी हो रही हैं। किचेन, ऑफिस, शयन कक्ष, किचेन व शौचालय का भवन जीर्ण शीर्ण है, छतों से सिमेंट चू चू कर गिर रहा है, कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है। सीसीटीवी है, 5 कैमरे बाहर लगे हैं लेकिन बाहर बल्ब नहीं होने के कारण स्पष्ट दिखाई नहीं देता, कस्तुरबा की अपनी चाहरदिवारी नहीं होने से भय बना रहता है।
वार्डन का पद खाली है वहीं अलग अलग नौकरी लगने के कारण एक टीचर व अकाउंटेंट ने इस्तीफा दिया तब से दोनों पद खाली है, सौ छात्राओं पर सिर्फ 2 शिक्षिकाएं हैं इन्हीं में से एक प्रभारी वार्डन का काम करती हैं तीन रसोईया भी वैकल्पिक ही हैं। बीडीओ ने बताया कि कस्तुरबा की स्थिति बेहतर नहीं है, सोने की समस्या है, भवन भी हर हिस्से में जर्जर है।
निरीक्षण के दौरान 63 छात्राएं थीं, बाकि के बारे में बताया गया कि नामांकन के बाद संधारण किया जा रहा है। सीडीपीओ को भी जांच में रहने का निर्देश था लेकिन वो नहीं आई। जांच के दौरान सहयोग में शिक्षाकर्मी सचिन कुणाल व पंकज कुमार भी थे। बीडीओ ने बताया कि सभी जानकारी जिलाधिकारी को दे दी गई है।