बेगूसराय चिकित्सा में एक और नया अध्याय की शुरुआत, अब बेगूसराय के मरीजों को पैसा और समय का होगा बचाव
Begusarai, Sivananda Giri : बेगूसराय में पहली बार आज मोस्ट एडवांस्ड लेजर सर्जरी की तकनीक से नस (वेरिकोज वेन), एवम पाइल्स के सर्जरी की शुरुआत ऐलेक्सिया अस्पताल में डॉक्टर धीरज शांडिल्य द्वारा शुरू किया गया।
इस तरह बेगूसराय में लेजर वैस्कुलर सर्जरी की शुरुआत करनेवाला पहला अस्पताल बन ऐलेक्सिया हॉस्पिटल कृतिमान स्थापित कर दिया है। ज्ञातव्य हो की डॉक्टर धीरज शांडिल्य उत्तर बिहार के पहले एवम एक मात्र हार्ट लंग चेस्ट एंड वैस्कुलर ( नस) सर्जन हैं जिन्होंने नित्य नए उचायियों को छूकर चिकित्सा के क्षेत्र में जिला का स्तर बदल दिया है, इन्होंने ही बेगूसराय जिला को पहला कॉरपोरेट अस्पताल भी दिया था । ये विशेषकर नई तकनीक ,गरीब और सामाजिक हित के लिए जाने जाते हैं । लेसर तकनीक से इलाज की सुविधा बेगूसराय में शुरू हो जाने से मरीजों को अब जिला के बाहर न तो जाने की जरूरत पड़ेगी जिससे उनका पैसा और समय भी बचेगा।
लेजर सर्जरी एक अत्याधुनिक तकनीक है !इसमें न कोई चिड़ा लगता है न कोई टांका और मरीज भी कुछ ही घंटे में सामान्य होकर घर चला जाता है ।आम परंपरागत ऑपरेशन से ज्यादा सुविधाजनक होता है यह तकनीक । इसी तरह,नस की खराबी जैसे वेरीकोज वेन अथवा पाइल्स फिस्तुला के लिए यह तकनीक वरदान है ।बवासीर की सर्जरी करने के लिए तमाम सर्जिकल प्रक्रियाओं में लेजर सर्जरी की महत्व बढ़ रहा है. अब महानगरों में अधिकतर ज्यादातर डॉक्टर उपचार के लिए लेजर सर्जरी की सलाह देते हैं. चलिए जानते हैं कि आखिर बवासीर की लेजर सर्जरी कितनी सुरक्षित है और इसके अलावा बवासीर के अन्य उपचार विकल्प क्या हैं? बवासीर की लेजर सर्जरी में लेजर किरणों की मदद से बवासीर के मस्सों को खत्म कर दिया जाता है.
वे बताते हैं कि बवासीर की लेजर सर्जरी काफी सुरक्षित है ,ब्लीडिंग नहीं होती है,कोई कट नहीं होता है जिससे इन्फेक्शन होने की बहुत कम संभावना, आम तौर पर इस ऑपरेशन में मारी को बहुत तकलीफ होती हैं परंतु लेजर से मरीज अगले दिन से अपने काम पर जा सकता है । बवासीर की लेजर सर्जरी में कोई बड़ा कट नहीं लगता है, इसलिए सर्जरी के बाद जख्म भरने में अधिक समय नहीं लगता है और रिकवरी भी तेजी से होती है। अगर बात की जाए ओपन सर्जरी के बाद रिकवरी टाइम की तो वह बहुत लम्बी होती है. रोगी को तकरीबन एक सप्ताह अस्पताल में गुजारने पड़ सकते हैं।
लेजर सर्जरी के बाद रोगी को 24 घंटे के भीतर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है, साथ ही 48 घंटे बाद रोगी अपने जीवनशैली में शामिल सभी सामान्य काम कर सकता है. आमतौर पर ओपन सर्जरी के बाद रोगी को 7-8 दिन तक मलत्याग में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जबकि लेजर सर्जरी में ऐसा कोई दिक्कत नहीं आती है। उन्होंने बताया कि नस के इलाज में भी इसी तरह यह तकनीक काफी कारगर साबित होता है जिससे बेगूसराय की जनता को काफी फायदा होगा।नस का इलाज के लिए ये सबसे बेहतर तकनीक मानी जाती है ,मरीज एक दिन में ठीक हो जाता है ।
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