बेगूसराय : प्रेमचंद ने समाज के मुख्य धारा से वंचित लोग को अपनी रचना का नायक बनाया :राजेंद्र राजन

बेगूसराय

बेगूसराय /शिवानंद गिरि : बेगूसराय प्रगतिशील लेखक संघ के द्वारा गणेश दत्त महाविद्यालय में महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद की १४३ वीं जयंती का आयोजन डॉ सीताराम प्रभंजन की अध्यक्षता में किया गया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में आकाश गंगा रंग चौपाल के कलाकार के द्वारा जनवादी गीत प्रस्तुत किया गया फिर दिनकर सभागार में उपस्थित अतिथियों एवम् श्रोताओं के द्वारा मुंशी प्रेमचंद के तैलचित्र पर पुष्पांजलि की गई। कार्यक्रम के विषय प्रेमचंद साहित्य की जातीय – राष्ट्रीय चेतना और सामाजिक परिवर्तन की वैज्ञानिक दृष्टि पर विषय प्रवेश कराते हुए प्रलेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र राजन ने कहा कि प्रेमचंद ने समाज के मुख्य धारा से वंचित लोग को अपनी रचना का नायक बनाया।

साहित्य को मनोरंजन की वस्तु से अलग विद्रोही एवम् आंदोलनात्मक बनाया। पूर्णिया महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मो० कमाल ने कहा कि प्रेमचंद के साहित्य में राष्ट्रीय चेतना को अपना लक्ष्य बनाया साथ ही साथ जातीय एवम् धार्मिक विचार को समाज का दुश्मन बताया।

ए एन कॉलेज के उर्दू विभाग के प्राध्यापक डॉ मणिभूषण ने कहा कि हिंदू या मुस्लिम सांप्रदायिकता या कोई और धार्मिक अंधभक्ति को उसे स्वीकार नहीं की जानी चाहिए। जयनारायण महाविद्यालय गया के पूर्व प्राध्यापक प्रो देवनारायण पासवान ने कहा कि बिगाड़ के डर से ईमान की बात नहीं कहोगे, ये बात आज कितना महत्वपूर्ण हो जाता जब आज भीड़ समाज को दिग्भ्रमित कर रहा है। मॉब लिंचिंग में लोगों को निशाना बनाया जा रहा है ।पूर्णिया के सहायक प्राध्यापक डॉ वंदना भारती ने कहा आवरा पूँजी आज जमा करने की होड़ बढ़ गई है जिससे समाज को संतुलित करने की कोशिश की जा रही है ।

ई सुनील कुमार ने कहा कि सदा न्याय के लिए रचना लिखने का काम प्रेमचंद ने किया ।महाविद्यालय के प्राचार्य राम अवधेश कुमार ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद की जयंती का आयोजन इस प्रांगण में होना हमारे लिए गर्व की बात है । इंगलिश विभाग के विभागध्यक्ष कमलेश ने कहा कि आज प्रगतिशील विचार के लोगों को समाज को बचाने के लिए आगे आना होगा माध्यम चाहे प्रेमचंद जयंती हो या कबीर या कोई और ।हम बेगूसराय प्रलेस को धन्यवाद देते हैं ।

इस अवसर पर प्रलेस के राज्य सचिव रामकुमार ,जिला उपाध्यक्ष अनिल पतंग ,कन्हाई पंडित ,नरेंद्र कुमार सिंह ,ललन लालित्य संयुक्त सचिव राज किशोर सिंह कोषाध्यक्ष स्वाति गोदर ,पूर्व विधान परिषद उषा सहनी ,समाजसेवी कामिनी कुमारी ,विप्लवी पुस्तकालय के अध्यक्ष रमेश प्रसाद सिंह सचिव आनंद प्रसाद सिंह ,अवनिश राजन ,शंभु देवा ,कमल वत्स ,कवि राज दीनानाथ सुमित्र ,कवि अनुज ,कवि रामानुज शर्मा .संतोष ईश्वर .प्रमोद कुमार .संतोष महतो सहित कई लोग उपस्थित थे। संचालन राज्य कार्यकारिणी सदस्य डॉ सगूफ़्ता ताजवर ने की ।