तेघड़ा/बेगूसराय, विनोद कर्ण : दक्षिण बिहार क्षेत्र के स्रोत व्यक्ति सह परामर्शी हेतु निर्देशन कार्यशाला का उद्घाटन श्रीविश्वेश्वर राष्ट्रीय उच्च विद्यालय, तेघड़ा में शनिवार को प्रथम दिन श्रीकृष्ण महिला कॉलेज की सेवानिवृत्त प्राचार्या डॉक्टर स्वपना चौधरी के द्वारा किया गया। कार्यशाला में कुल 9 जिला से 33 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इस कार्यशाला में इस वर्ष का मुख्य विषय स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारितंत्र को समझना है। इसके अंतर्गत पांच विषय है पांचों विषय के लिए अलग-अलग रिसोर्स पर्सन ने प्रोजेक्ट बनाने की विभिन्न विधियों को बताने का प्रयास किया।
इस कार्यशाला में राष्ट्रीय अकादमिक परिषद के अध्यक्ष डॉ. ललित शर्मा ने बाल विज्ञान कांग्रेस की अवधारणाओं को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि देशस्तर पर वैज्ञानिक चेतना जगाने हेतु यह बहुत बड़ा मंच है। इसके माध्यम से 10 से 17 आयु वर्ग के बच्चों को सीखने की अवधारणा के आधार पर परियोजना का निर्माण करवाया जाता है। इस अवसर पर स्टेट रिसोर्स पर्सन एनपी राय ने परियोजनाओं की गुत्थी को समझाते हुए बताया कि परियोजना निर्माण के लिए आप अपने आसपास के वातावरण में उपस्थित पारितंत्र के तत्वों को गौर से देखें।
तत्पश्चात उसके बीच उत्पन्न समस्याओं का समाधान ढूंढने का प्रयास करें। कार्यक्रम का संचालन पूर्व राज्य संयोजक डॉक्टर फूलगेन पूर्वे ने किया।जिला समन्वयक हर्षवर्धन कुमार ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि हमारा सौभाग्य है कि आज हम वैज्ञानिक चेतना को जन- जन तक पहुंचाने के लिए यहां एकत्र हुए हैं। इस बार का मुख्य विषय स्वास्थ्य और कल्याण हेतु पारितंत्र को समझना है। वास्तव में स्वास्थ्य का पारितंत्र से संबंध है। जब तक हम पारितंत्र को नहीं समझेंगे तब तक हम स्वस्थ नहीं रह सकते हैं। इसलिए लगातार दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यशाला में हम लोग इसको समझेंगे। स्वागत भाषण प्रभारी प्रधानाध्यापक चिन्मयानंद के द्वारा किया गया।
लोकल रिसोर्स पर्सन प्रोफेसर गणपति कुमार भी प्रोजेक्ट निर्माण की विभिन्न विधियों को समझाने का प्रयास किया। इस अवसर पर माउंट लिट्रा के विद्वान शिक्षक ललितेश्वर प्रसाद, उड़ान स्कूल के टेक्निकल एक्सपर्ट अमित कुमार वहां के विज्ञान शिक्षक विजय कुमार ने ऑनलाइन जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। निबंधन का कार्य अमरदीप कुमार एवं इंद्रदेव महतों ने किया। बेगूसराय के रिसोर्स पर्सन प्रोफेसर चुनचुन सिंह, अनुरागी चौरसिया, राजेश कुमार भारती, पशुपति कुमार पारस, सूर्यकांत भारती, मधु प्रसाद, राजेश रंजन भारती उपस्थित होकर कार्यशाला में सभी पहलुओं को ध्यानपूर्वक सुनते हुए परियोजना निर्माण का संकल्प लिया।