एलईडी युक्त जागरूकता रथ, ड्रीप यंत्र लाईव डेमोस्ट्रेशन रथ एवं नुक्कड़ नाटक टीम को डीएम रोशन कुशवाहा ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
बेगूसराय/विनोद कर्ण । जिला पदाधिकारी रोशन कुशवाहा ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत सूक्ष्म सिंचाई पद्धति यथा ड्रिप एवं स्प्रिंकलर पद्धति के प्रति व्यापक प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से शनिवार को समाहरणालय परिसर से एलईडी युक्त जागरूकता रथ, ड्रीप यंत्र लाईव डेमोस्ट्रेशन रथ एवं नुक्कड़ नाटक टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी राजेश प्रताप सिंह, सहायक निदेशक (उद्यान) राजीव रंजन, जिला जन-संपर्क पदाधिकारी भुवन कुमार आदि मौजूद थे।
इस मौके पर जिला पदाधिकारी रोशन कुशवाहा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण एवं कृषि जल बचत हेतु सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत सूक्ष्म सिंचाई पद्धति यथा ड्रिप एवं स्प्रिंकलर पद्धति को बढ़ावा देकर कृषि कार्यों के दौरान न सिर्फ जल संरक्षण के लिए पहल किए जा रहे हैं बल्कि यह पद्धति कृषि पैदावार में भी सहायता पहुंचा रही है।
इसी क्रम में जिला उद्यान कार्यालय, द्वारा जिला अंतर्गत सूक्ष्म सिंचाई पद्धति विशेष तौर पर ड्रिप एवं स्प्रिंकलर पद्धति के व्यापक प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से ही एलईडी युक्त जागरूकता रथ, ड्रीप यंत्र लाईव डेमोस्ट्रेशन रथ एवं नुक्कड़ नाटक टीम को रवाना किया गया है जो अगले 18 दिनों में सभी प्रखंडों में घूम-घूम कर किसान को जागरूक करते हुए इस सिंचाई पद्धति को अपनाने हेतु प्रेरित करेंगे। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, ड्रिप सिंचाई के उपयोग से लगभग 60 प्रतिशत जल की बचत, 25-30 प्रतिशत उर्वरक की खपत में कमी, 30-35 प्रतिशत लागत में कमी तथा बेहतर गुणवत्ता के साथ-साथ 25-35 प्रतिशत अधिक उत्पादन भी होता है।
उन्होंने बताया कि विभागीय प्रावधान के अनुसार, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत ड्रिप सिंचाई पद्धति का लाभ सभी श्रेणी के कृषकों के लिए उपलब्ध है तथा हर खेत तक सिंचाई का पानी के तहत सूक्ष्म सिंचाई योजनान्तर्गत 90 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया जाता है। योजना अंतर्गत अनुदान का लाभ लेने हेतु किसान स्वयं पूरी राशि लगाकर अथवा अनुदान की राशि घटाकर शेष राशि भुगतान कर यंत्र का अधिष्ठापन कर सकते हैं तथा योजना की विस्तृत जानकारी अथवा ऑनलाइन आवेदन हेतु जिले के सहायक निदेशक उद्यान / संबंधित प्रखंड उद्यान पदाधिकारी/निबंधित कंपनियों से संपर्क कर सकते हैं। जिला पदाधिकारी ने जिले के किसानों से अपील करते हुए मौसम अनुकूल कृषि अपनाने के साथ-साथ कृषिगत कार्यों में सूक्ष्म सिंचाई पद्दतियों को अपनाकर जल संरक्षण एवं कृषि जल बचत के साथ ही मृदा संरक्षण को बढ़ावा देने में अपना सहयोग प्रदान करें।
बताते चलें कि योजना का लाभ लेने हेतु उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग के वेबसाइट www. horticulture.bihar.gov.in पर आवेदन भरा सकता है। इस संबंध में विशेष जानकारी हेतु किसान कॉल सेंटर के दूरभाष संख्या 18001801551 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
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