विक्रांत। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में 76 वें गणतंत्र दिवस की धूम रही। गणतंत्र दिवस के पूर्व संध्या से ही पूरा परिसर तिरंगे रौशनी से नहाया रहा। पूरा विश्वविद्यालय परिवार ने हर्षोल्लास पूर्वक 76वां गणतंत्र दिवस मनाया। विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ डी. आर. सिंह ने नेशनल कैडेट कोर (NCC) के परेड का निरिक्षण किया एवं राष्ट्रगान के साथ झंडोतोलन किया।

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अपने सम्बोधन में माननीय कुलपति ने आगामी 24 फ़रवरी को माननीय प्रधानमंत्री के भागलपुर दौरे की संभावना की चर्चा करते हुए कहा कि “माननीय प्रधानमंत्री द्वारा बिहार के कृषि रोडमैप आगे बढ़ाते हुए भागलपुर से किसान सम्मान निधि का आगाज़ किए जाने की संभावना है जो कि बिहार के किसानों के लिए बड़ी सौगात होगी और हम सब के लिए गर्व का विषय होगा।



” उन्होंने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा नीति आयोग से सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस, प्रोसेसिंग यूनिट, शोध संस्थान सहित पुरे बिहार के लिए 38 केंद्रों की मांग की गयी है। माननीय कुलपति ने आशा व्यक्त की कि अधिकांश केंद्र मिल जाने की संभावना है। बिहार कृषि रोडमैप में कृषि प्रसार की चर्चा करते हुए माननीय कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा बनायी गयी प्रसार नीति से पुरे बिहार के किसान लाभान्वित हो रहे है।
गौरतलब है कि बिहार सरकार ने बीएयू सबौर को कृषि रोडमैप के तहत कृषि प्रसार नीति बनाने की ज़िम्मेदारी दी थी, माननीय कुलपति के अध्यक्षता में बने कृषि प्रसार रोडमैप द्वारा ही अब बिहार में कृषि का प्रसार किया जा रहा है।
अपने सम्बोधन में माननीय कुलपति ने विश्वविद्यालय की विगत उपलब्धियों की चर्चा की एवं विश्वविद्यालय द्वारा किए गए वैज्ञानिक अनुसन्धान, शिक्षा एवं प्रसार कार्यक्रमों की सराहना की। विश्वविद्यालय को लगातार नए पेटेंट मिलने पर ख़ुशी जाहिर करते हुए युवा वैज्ञानियों से और भी पेटेंट फ़ाइल करने का अहावान किया।
कार्यक्रम में भागलपुर के कई विद्यालयों के बच्चों द्वारा देशभक्ति नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसमें कस्तूरबा बालिका विद्यालय के बालिकाओं ने प्रथम स्थान प्राप्त किया वही संत मेही विद्यालय के बच्चे दूसरे स्थान पर रहे। विगत दिनों हुए खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रों और प्राध्यापकों को भी सम्मानित किया गया।
माननीय कुलपति ने विश्वविद्यालय परिवार से अहवान किया कि “आइये हम सब मिलकर यह संकल्प ले कि राज्य के कृषकों एवं हितधारकों के कंधे से कन्धा मिलाकर मुस्कुराते हुए अपने प्रयास को यूँ ही जारी रखेंगे और देश-राज्य के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।”