Shyam Singh : भागलपुर में मोहन भागवत ने अपने ब्राह्मणों पर दिए अपने बयान को स्पष्ट किया है. उन्होंने कहा कि मैंने कभी ब्राह्मण शब्द नहीं कहा. मैंने पंडित कहा था वो किसी भी जाति का हो सकता है. पंडित उसे कहते हैं जाे बुद्धिमान है. शुक्रवार को भागलपुर में स्वयंसेवकों से बातचीत में मोहन भागवत ने ये बातें कही. इस दौरान उन्होंने नसीहत दी कि विवाद से जुड़े मसलों पर अनावश्यक चर्चा करने के बजाय राष्ट्र निर्माण काे लेकर बातें करें. यह ज्यादा बेहतर हाेगा. अब जानते हैं कि मोहन भागवत ने क्या बयान दिया था?: देशभर में रामचरितमानस की एक चौपाई को लेकर छिड़े विवाद के बीच मोहन भागवत ने बयान दिया था.
रविवार को मुंबई में संत रविदास जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि जाति भगवान ने नहीं बनाई है, जाति पंडितों ने बनाई जो गलत है. भगवान के लिए हम सभी एक हैं. हमारे समाज को बांटकर पहले देश में आक्रमण हुए, फिर बाहर से आए लोगों ने इसका फायदा उठाया. हमारे समाज को बांटकर लोगों ने हमेशा से फायदा उठाया है. सालों पहले देश में आक्रमण हुए, फिर बाहर से आए लोगों ने हमें बांटकर फायदा उठाया. नहीं तो हमारी ओर नजर उठाकर देखने की भी किसी में हिम्मत नहीं थी. इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं. जब समाज में अपनापन खत्म होता है तो स्वार्थ अपने आप बड़ा हो जाता है.
मोहन भागवत ने कहा कि केवल काम नहीं, बल्कि अपने काम का उदाहरण भी पेश करते रहिए. हिंदू समाज इकट्ठा होकर रहे और हर मंडल में समय-समय पर आना-जाना करते रहें, ताकि शाखाओं की संख्या भी निरंतर बढ़ती रहे. शुक्रवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत भागलपुर के महर्षि मेंहीं आश्रम पहुंचे. इस दौरान उन्होने स्वयंसेवक काे साफ संदेश दिया है कि वे समाज से जुड़े रहें. मिलने-जुलने का कार्यक्रम भी करते रहें. समाज के हर वर्ग के लाेगाें तक अपना संदेश देते रहें. शाखा के माध्यम से नए स्वयंसेवक तैयार करें और शाखाओं की संख्या भी बढ़ाएं.